भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत की खातिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नई दिल्ली दौरे पर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है. ऐसी खबरें आई हैं कि शरीफ को कट्टरपंथियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
इस बीच, शरीफ की बेटी मरियम ने ट्वीट किया है कि भारत की नई सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्तों को सींचना चाहिए. मरियम ने ट्वीट किया, 'व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि भारत की नई सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्तों को सींचना चाहिए. इससे मनोवैज्ञानिक बाधाएं, खौफ और संदेह खत्म करने में मदद मिलेगी.'
I personally think cordial relations with new Indian govt should be cultivated. Will help remove psychological barriers, fear & misgivings.
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) May 23, 2014
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की बेटी ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'अपने देश और लोगों की शांति एवं मेल-मिलाप की दिशा में अगुवाई करना नेताओं पर निर्भर है.' जानकार इसे शरीफ की भारत दौरे पर जाने की इच्छा के संकेत के तौर पर देख रहे हैं. इससे पहले, 'डॉन' अखबार के ऑनलाइन संस्करण ने खबर दी कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने सुझाव दिया है कि शरीफ मोदी के 26 मई को होने वाले शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने के भारत के आमंत्रण को स्वीकार करें.
विदेश कार्यालय में तैनात एक वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से ‘डॉन’ ने कहा, 'इस मौके को जाने देना एक गलती होगी. हमें आज से आगे देखने की जरूरत है.' अधिकारी ने कहा, ‘‘विदेश कार्यालय ने सिफारिश की है और फैसला पक्ष में ही आने की ज्यादा संभावना है.'
बहरहाल, बुधवार को प्राप्त आमंत्रण पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कल कहा था, 'प्रधानमंत्री शामिल होंगे या नहीं, उस पर किसी भी वक्त फैसला लिया जाएगा.' जानकारों का मानना है कि फैसले में देरी इस वजह से हो रही है क्योंकि कट्टरपंथी शरीफ के भारत दौरे के खिलाफ हैं.
‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, शरीफ को भेजे गए आमंत्रण ने पाकिस्तान में बहस छेड़ दी है कि इसे स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं, खासतौर पर ऐसे हालात में जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव कायम है और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अतीत में पाकिस्तान के न्योते को ठुकरा चुके हैं. मोदी ने अपने शपथ-ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है.
प्रधानमंत्री शरीफ ने मोदी की पार्टी की शानदार जीत पर उन्हें फोन करके बधाई दी थी और पदभार संभालने के बाद उन्हें पाकिस्तान के दौरे पर आने का न्योता भी दिया था.