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कर चोरी करने वालों को माफी कतई नहीं: प्रणब

कर चोरी करने वालों के लिए माफी की किसी योजना से इंकार करते हुए सरकार ने कहा कि वह भारत- मारीशस कर संधि में संशोधन पर विचार कर रही है, ताकि कंपनियां करों के भुगतान से बचने के लिए इसका दुरुपयोग न कर सकें.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

कर चोरी करने वालों के लिए माफी की किसी योजना से इंकार करते हुए सरकार ने कहा कि वह भारत- मारीशस कर संधि में संशोधन पर विचार कर रही है, ताकि कंपनियां करों के भुगतान से बचने के लिए इसका दुरुपयोग न कर सकें.

राज्‍यसभा में दिया जवाब
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि हम कोई स्वैच्छिक खुलासा योजना (वीडीएस) लाने नहीं जा रहे हैं. अतीत में वीडीएस के जरिए उन लोगों को काले धन का खुलासा करने और कर भुगतान करने के लिए माफी की पेशकश की जा चुकी है.

वीडीएस की सफलता में संदेह
मुखर्जी ने प्रशांत चटर्जी के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वीडीएस योजनाएं पूरी तरह सफल तब तक नहीं हो सकती, जब तक माफी के तहत करों की दर सामान्य आयकर की दर से कम न हो. इस योजना की आलोचना हुई थी क्योंकि इसकी वजह से उन करदाताओं को ऊंची दरों पर कर भुगतान करना पड़ा था जो ईमानदारी से कर देते थे.

भारत-मारीशस कर संधि में संशोधन मुमकिन
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के राजीव शुक्ला के पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार 1980 में हुई भारत-मारीशस कर संधि में संशोधन पर विचार कर रही है जिसके तहत मारीशस में काम कर रही भारतीय कंपनियों को करों में छूट दी गई है. मुखर्जी ने बताया कि मारीशस स्वयं को वित्तीय केंद्र बनाना चाहता है और वहां की कर कंपनियां तथा विदेशी संस्थागत निवेशक भारत जैसे समुद्र पारीय देशों में निवेश के लिए अपना पंजीयन नहीं कराते. ओईसीडी वर्ष 2000 में मारीशस को एक ऐसा देश घोषित कर चुका है जो भेदभावपूर्ण कर स्पर्धा देता है.

राजस्व घाटे की भरपाई की पेशकश
वित्त मंत्री ने बताया कि हम मारीशस के साथ इस समझौते में संशोधन करना चाहते हैं. नई दिल्ली ने मारीशस को राजस्व घाटे की भरपाई की पेशकश की है, क्योंकि समझौते में ऐसे परिवर्तन से उन कंपनियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा जो भारत और मारीशस में कर भुगतान से बच जाती हैं. उन्होंने तपन कुमार सेन के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि काले धन तथा परिसंपत्तियों का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ दल ने विशेष योजनाओं की सिफारिश की है.

काला धन के बारे में जानकारी नहीं
उन्होंने बताया कि काला धन कितना है, इसकी न तो कोई जानकारी है और न ही इसका पता लगाने के लिए कोई आधिकारिक पहल की गई है.{mospagebreak} मुखर्जी ने भाजपा के एम वेंकैया नायडू के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार देश और विदेशी बैंकों में जमा काले धन को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए सरकार ने स्विस अधिकारियों से वहां के बैंकों में जमा काले धन संबंधी सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए बातचीत शुरू की है.

स्विस बैंक पर पारदर्शिता के लिए दबाव
वित्त मंत्री ने बताया कि अब तक स्विस बैंकों की नीति रही है कि वह सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं करेंगे लेकिन वैश्विक आर्थिक संकट के चलते कई विकसित और औद्योगिक देश और अधिक पारदर्शिता के लिए दबाव बना रहे हैं. दोहरे कराधान से बचाव के लिए भी दबाव है.
मुखर्जी ने बताया कि भारत ने भी दोहरे कराधान से बचने के लिए 76 देशों के साथ संधि की है जिनमें मारीशस और स्विटजरलैंड भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मुझे बताया गया है कि स्विस अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं। हमने यह मुद्दा अन्य देशों के समक्ष भी उठाया है.

सार्वजनिक खुलासा न करने की बाध्यता
मुखर्जी के अनुसार कई बार संबंद्ध देश सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं लेकिन वह इसका सार्वजनिक खुलासा न करने की बाध्यता भी तय कर देते हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार काला धन उजागर करने के लिए खोज और जब्ती की प्रक्रिया अपना रही है. मुखर्जी ने हसन अली खान मामले से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि कर विभाग ने गहन जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि स्विस बैंकों में कुछ धन जमा किया गया है.

इस सिलसिले में सरकार स्विस अधिकारियों से आवश्यक सूचनाएं हासिल करने के लिए प्रक्रिया के बारे में अटार्नी जनरल से परामर्श कर रही है. वित्त मंत्री ने बताया कि काले धन की राशि पर सरकार ने कोई नया अध्ययन नहीं कराया है.

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