भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बुधवार को कहा कि उसने नेस्ले के प्रतिबंधित मैगी नूडल्स को किसी तरह की ‘क्लीन चिट’ नहीं दी है. नियामक ने उसकी दो अनुबंधित लैबओं से मैगी को क्लीन चिट दिए जाने वाली खबरों को भी खारिज किया है और कहा है कि इन परीक्षणों में कमियां हैं.
एफएसएसएआई ने कहा कि गोवा की खाद्य और दवा लैब के साथ-साथ सीएफटीआरआई, मैसूर के निष्कर्ष को जांच में विसंगतियों के आधार पर निरस्त कर दिया गया है.इसके अलावा मैगी नूडल्स को ब्रिटेन व सिंगापुर में क्लीन चिट पर संदेह जताते हुए कहा कि स्विस फूड कंपनी ने विदेशी परीक्षण रिपोर्टों को उसके साथ साझा नहीं किया है.
गोवा की लैब रिपोर्ट नहीं मानी जाएगी
गोवा की लैब के निष्कर्ष को खारिज करते हुए एफएसएसएआई ने कहा कि इस लैब में खाद्य विश्लेषकों ने गलती से सीसे की अनुमति योग्य सीमा को 10 पार्ट्स पर मिलियन मान लिया जबकि अधिकतम अनुमति योग्य सीमा प्रति दस लाख 2.5 अंश ही है. इसी नमूने पर सीएफटीआरआई की रिपोर्ट पर एफएसएसएआई ने कहा कि मैसूर की लैब में नूडल्स का प्रतिबंधित एमएसजी के लिए परीक्षण नहीं किया गया.
नेस्ले ने नहीं दिया नोटिस का जवाब
गोवा और मैसूर की लैबओं द्वारा मैगी के नमूने को सुरक्षित बताने संबंधी रिपोर्ट पर नियामक ने कहा, 'सबसे पहली बात यह है कि एफएसएसएआई ने मैगी नूडल्स के सुरक्षित होने के संबंध में कोई क्लीनचिट नहीं दी है.' एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया कि गोवा के नमूने के परीक्षण नतीजों का 5 जून, 2015 के आदेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा. नेस्ले ने 5 जून को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है.
- इनपुट भाषा