scorecardresearch
 

देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया: कृष्णा

हिलेरी क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान एंड यूज मॉनीटरिंग समझौता किये जाने को लेकर सरकार ने विपक्ष के इस आरोप को नामंजूर कर दिया कि देश की संप्रभुता के साथ कोई समझौता किया गया है.

Advertisement
X

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान एंड यूज मॉनीटरिंग समझौता किये जाने को लेकर सरकार ने विपक्ष के इस आरोप को नामंजूर कर दिया कि देश की संप्रभुता के साथ कोई समझौता किया गया है.

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने राज्यसभा में कहा कि इस समझौते के जरिये उस अस्थायी व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाया गया है जिसके तहत पूर्ववर्ती सरकारों ने अमेरिका के साथ रक्षा उपकरणों की खरीद की थी.

सौदेबाजी से क्या तात्पर्य है
विदेश मंत्री ने कहा कि अगर कोई प्रौद्योगिकी देश हित में है और हमें इसे उस देश से खरीदना है जिसके पास यह है तो हमें उस देश के साथ सौदेबाजी करनी होती है. सौदेबाजी शब्द सुनते ही सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आपत्ति जताई और कहा कि देश की संप्रभुता के साथ सौदेबाजी कैसे की जा सकती है. मार्क्‍सवादी सीताराम येचुरी ने भी सवाल किया कि सौदेबाजी से क्या तात्पर्य है. उन्होंने कहा कि देश के रक्षा प्रतिष्ठानों की निगरानी की अनुमति अमेरिका को देना देश की संप्रभुता से सौदेबाजी है.

संप्रभुता से सौदेबाजी का सवाल ही नहीं उठता
सदन में माकपा सपा बीजद और जद यू के सदस्यों ने भी सरकार के जवाब से असंतोष जताया और अपनी बात रखने की मांग करने लगे. सदन में शोर शराबा होने की दशा में सभापति फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने कहा कि मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगने का चलन नहीं है. पर सदस्यों के दबाव में बाद में वह उन्हें बात रखने की अनुमति देने पर सहमत हो गये. विदेश मंत्री ने कहा कि अगर कोई प्रौद्योगिकी देश हित में है और हमें इसे उस देश से खरीदना है जिसके पास यह है तो हमें उस देश के साथ सौदेबाजी करनी होती है. सौदेबाजी शब्द सुनते ही सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आपत्ति जताई और कहा कि देश की संप्रभुता के साथ सौदेबाजी कैसे की जा सकती है.

मार्क्‍सवादी सीताराम येचुरी ने भी सवाल किया कि सौदेबाजी से क्या तात्पर्य है. उन्होंने कहा कि देश के रक्षा प्रतिष्ठानों की निगरानी की अनुमति अमेरिका को देना देश की संप्रभुता से सौदेबाजी है. कृष्णा के बयान पर असंतोष जताते हुए बीजेपी सहित राजग, वाम दलों, अन्नाद्रमुक और सपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि देश की संप्रभुता से सौदेबाजी का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी संबंधी उपकरणों की खरीद के लिए दूसरे देशों से बातचीत करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाता है कि हम एक संप्रभु देश हैं और हमसे एक अरब लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि इस द्विपक्षीय समझौते में ऐसा कुछ भी नहीं है जो देश के हितों के प्रतिकूल हो.

Advertisement
Advertisement