लोकसभा में आज मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. अविश्वास प्रस्ताव से पहले कांग्रेस और विपक्ष के अन्य सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का कम समय दिया गया है. कांग्रेस इस बात से भी असहमत थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए महज एक दिन तय किया गया है. लेकिन सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष वनडे के जमाने में पांच दिन का टेस्ट खेलना चाहता है. वहीं स्पीकर ने भी विपक्ष की आपत्ति ये कहते हुए खारिज कर दी कि अनंत बहस नहीं चल सकती, अनंत और अनादि केवल भगवान होता है.
लोकसभा में आज जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये कहते हुए आपत्ति जताई कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए बहुत कम समय दिया गया है. आरजेडी जैसे दल को महज एक मिनट बोलने को दिया गया है. विपक्ष के कुछ अन्य सदस्य भी ये कहते हुए खड़े हो गए कि सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष को बोलने का मौका मिलना चाहिए. खड़गे ने ये भी कहा कि चर्चा को एक दिन की सीमा में बांधना ठीक नहीं है. इसे दूसरे दिन भी चलाया जा सकता है, लेकिन बोलने का मौका सबको पर्याप्त मिलना चाहिए.
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार बोलने के लिए खड़े हुए. उन्होंने कहा कि खड़गे जी काफी अनुभवी हैं इसलिए उन्हें पता होना चाहिए कि पहले भी कई बार एक दिन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई है. ये वनडे का जमाना है और विपक्ष टेस्ट खेलना चाहता है. अनंत कुमार के इस बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई सदस्यों ने आपत्ति की और कहा कि ये क्रिकेट का मसला नहीं है.
विपक्ष को शांत करते हुए स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि कोई भी बहस अनंत नहीं चल सकती. अनंत और अनादि केवल भगवान होता है. उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से कहा कि किसी को बोलने का वक्त की कमी होगी तो वो देखा जाएगा. वक्त तो वैसे भी आप लोग चुरा लेते हैं. फिलहाल यही व्यवस्था जारी रहेगी.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुल 7 घंटे के समय में अध्यक्ष ने TDP को बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है. पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला ने शुरुआत की है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है.
अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश : 29 मिनट, 27 मिनट, 15 मिनट और 9 मिनट का समय दिया गया है. सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ भाजपा को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है.