अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि पूरे देश की निगाहें हम पर हैं. हमारे संसदीय लोकतंत्र का आज अहम दिन है. हम संविधान निर्माताओं और देश के आभारी हैं. सांसदों से आशा है कि वो बिना गतिरोध के चर्चा करेंगे. उम्मीद है कि साथी सांसद व्यापक और रचनात्मक बहस करेंगे.
मोदी सरकार के आखिरी साल में टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. सुबह 11 बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी. शाम 6 बजे वोटिंग होगी. संख्या बल में यूं तो सरकार का पलड़ा भारी है लेकिन विपक्ष के चेहरे पर इसे लेकर कोई शिकन नहीं. लोकसभा में जो सीटों का समीकरण है उसके मुताबिक बीजेपी के पास अकेले दम पर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ों से पांच सीट ज्यादा है.
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को होने वाली चर्चा में कौन पार्टी कितनी देर बोलेगी, इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने समय तय कर दिया है. बहस के बीच लंच ब्रेक नहीं होगा और कुल चर्चा के सात घंटे तक चलेगी. हालांकि, सदन की सहमति से समय को बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि चर्चा के लिए संख्या बल के आधार पर समय तय किया जाता है.
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा. कुल 7 घंटे के समय में अध्यक्ष ने TDP को बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है. पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं.
अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश : 29 मिनट, 27 मिनट, 15 मिनट और 9 मिनट का समय दिया गया है. सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ भाजपा को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है.