राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर सर्वसम्मति बनाने में विफल रही लेकिन उच्च सदन के सदस्यों ने सत्र के शेष तीन दिन के दौरान छह विधेयकों को पारित कराने का निर्णय किया.
एक घंटे तक चली बैठक
करीब एक घंटे तक चली चर्चा के बाद राज्यसभा सभापति ने केवल इतना कहा कि बैठक ‘अच्छी’ रही.
लंबित विधेयकों पर सरकार का जोर
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘बैठक में सार्थक चर्चा हुई. संसद के कामकाज को लेकर कई दलों के सदस्यों ने अपनी चिंता व्यक्त की. सभी ने निर्णय किया कि सदन में कामकाज चलना चाहिए. यह तय किया गया कि अधिक देर तक बैठकर लंबित सरकारी विधेयकों को पारित किया जायेगा.’ जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष से अपील की कि इस विधेयक (जीएसटी ) को पारित कराया जाए.
जीएसटी पर नहीं हुई कोई बात
बैठक के बाद कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने कुछ विधेयकों को पारित कराने में सहयोग का वादा किया है जिसमें एससी/एसटी विधेयक शामिल है. आजाद ने कहा कि जीएसटी पर कोई बात नहीं हुई .
Few bills like SC/ST which we had promised, will be passed. No talks on #GST: GN Azad, Congress after all party meet pic.twitter.com/CxxdXeKwfR
— ANI (@ANI_news) December 18, 2015
बीजेपी निशाने पर
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि बीजेपी जब विपक्ष में थी तो उसकी मांग किसी भी मामले में रहती थी कि मंत्री इस्तीफा दें और जांच कराई जाए. आज हम उनसे यही मांग करते हैं.
When in Opposition, BJP's standard line was to ask for probe and resignation of minister-Sitaram Yechury,CPIM #DDCA pic.twitter.com/7Zr0euYNZz
— ANI (@ANI_news) December 18, 2015
जरूरी विधेयकों को निकालने की कोशिश
गौरतलब है कि संसद का ये पूरा सत्र किसी न किसी मुद्दे पर रोज के हंगामे के कारण कोई खास काम नहीं कर सका. सरकार की अब कोशिश है कि जीएसटी जैसे गतिरोध वाले विधेयकों को छोड़कर बाकी विधेयकों को पारित करा लिया जाए.