संसद पर हमले के मामले में दोषी करार दिए गए अफजल गुरु की दया याचिका पर गृह मंत्रालय ने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को कहा कि गुरु की दया याचिका से संबंधित फाइल अब भी गृह मंत्रालय के पास है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने याचिका को गृह मंत्री की समीक्षा के लिए लौटा दिया था.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘अभी तक फाइल गृह मंत्रालय के पास है. अभी तक यह मेरे पास नहीं आई है. अभी तक दया याचिका की मैंने केवल एक फाइल देखी है और वह अजमल कसाब (26/11 के आतंकवादी) की थी.’ कसाब को पुणे के यरवदा जेल में 21 नवम्बर को फांसी पर लटका दिया गया था.
इससे पहले दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने अनुशंसा की थी कि गुरु की पत्नी द्वारा दायर दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज कर दें. बहरहाल शिंदे ने जब एक अगस्त को गृह मंत्री का पदभार संभाला तो राष्ट्रपति ने समीक्षा के लिए फाइल वापस भेज दी.
गृह मंत्री से जब पूछा गया कि कसाब को फांसी दिए जाने के बाद क्या भारत-पाकिस्तान सीमा के पास कोई तनाव या भावनाओं का उभार दिखा तो शिंदे ने कहा, ‘जब आप अपना काम करते हैं तो आप भावनाओं को अलग रखते हैं और अपना काम करते हैं.’