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करीब 6 घंटे चली BJP-RSS की बैठक, लेकिन मोदी पर नहीं हुई चर्चा

दिल्ली में गुरुवार को बीजेपी और संघ नेताओं के बीच बैठक हुई. मीटिंग करीब 6 घंटे तक चली, पर किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. यानी नरेंद्र मोदी की पीएम दावेदारी का मुद्दा एक बार भी नहीं उठा. ऐसा कहना है भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह का.

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दिल्ली में गुरुवार को बीजेपी और संघ नेताओं के बीच बैठक हुई. मीटिंग करीब 6 घंटे तक चली, पर किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. यानी नरेंद्र मोदी की पीएम दावेदारी का मुद्दा एक बार भी नहीं उठा. ऐसा कहना है भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह का.

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आरएसएस के साथ बैठक के बाद जब राजनाथ सिंह मीडिया से रूबरू हुए, तो उन्होंने बताया, 'इस मीटिंग में आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के एजेंडे में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं था.'

जब उनसे मोदी की पीएम उम्मीदवारी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ किया, 'इस बैठक में पीएम उम्मीदवार का मसला नहीं उठा. जहां तक बैठक में मोदी के शामिल होने का सवाल है, तो वे संसदीय बोर्ड के सदस्य की हैसियत से इस बैठक में हिस्सा लेने आए थे.'

बीजेपी अध्यक्ष ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और सब साथ में काम कर रहे हैं. दरअसल, वे मोदी और नीतीश पर शत्रुघ्न सिन्हा के बयान और बैठक में पार्टी के पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी की अनुपस्थिति को लेकर स्थिति साफ करना चाहते थे.

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उन्होंने कहा, 'आडवाणी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सालेम गए हुए हैं इस वजह से वे बैठक में शामिल नहीं हो सके.'

पीएम उम्मीदवारी के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. इसपर फैसला पार्टी की संसदीय बोर्ड करेगी. समय आने पर मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी.'

बैठक के बारे में उन्होंने कहा, 'इस तरह की बैठक हर तीसरे महीने होती है. हमने आज की बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की. आर्थिक मुद्दों से जुड़ी समस्याओं पर विचार किया गया. देश की आर्थिक हालत खराब है. इस दौरान बीजेपी की भूमिका क्या होनी चाहिए, इस पर चर्चा हुई.'

संघ कार्यकर्ता करेंगे बूथ मैनेजमेंटः सूत्र
राजनाथ सिंह भले ही ये बोलें इस बैठक की राजनीतिक मायने कम हैं. पर सूत्रों के हवाले से खबर है कि चुनावों से पहले राज्यों के हिसाब पार्टी की रणनीति पर विचार किया गया. किन-किन राज्यों से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं इसपर डिटेल चर्चा हुई. चुनावी सर्वे के नतीजों का भी विश्लेषण किया गया.

खबर है कि पार्टी ने तेलंगाना के गठन के केंद्र सरकार के फैसले की भी समीक्षा की. सीमांध्र और रायलसीमा क्षेत्र में पार्टी के भविष्य पर भी बीजेपी और संघ नेताओं के बीच बात हुई.

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सूत्रों की मानें तो, इस बार चुनाव संघ कार्यकर्ता बूथ मैनेजमेंट में सीधे तौर से हिस्सा लेंगे. गौर करने वाली बात है कि 2004 और 2009 लोकसभा चुनावों के दौरान संघ कार्यकर्ता बूथों से दूर ही रहे थे.

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