भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने स्पष्ट किया है कि उसने आधार संख्या नामांकन के लिए कोई ड्रेस कोड तय नहीं किया है.
एक बयान में कहा गया कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि लोगों से आधार के लिए नामांकन के लिए ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा जा रहा है. यूआईडीएआई स्पष्ट करना चाहता है कि उसने आधार संख्या के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान लोगों के लिए कोई ड्रेस कोड तय नहीं किया है.
बयान में कहा गया कि केवल एक मानक यह है कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान फोटो लेते वक्त व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए. बयान में कहा गया कि नामांकन के समय लोग अपनी सहजता के अनुसार कुछ भी पहनने के लिए स्वतंत्र हैं, बशर्ते इसमें चेहरे का कोई हिस्सा नहीं ढकता हो.
गौरतलब है कि सरकार देश में तमाम जगहों पर आधार कार्ड कैंप आयोजित कर रही है. इन कैपों में लोगों के पासपोर्ट साइट फोटो, आंखों के रेटिना का स्कैन, उंगलियों के निशान लिए जा रहे हैं. लेकिन नंदन नीलेकणि के नेतृत्व में चलाए जा रहे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की लाल फीताशाही मजाक का विषय बनती जा रही है.
सरकार की आधार कार्ड योजना को लेकर नया विवाद है फोटो खिंचवाने आईं महिलाओं के कपड़ों को लेकर. हाल में देश की बहुत सी महिलाओं ने ट्वीट किया है कि आधार कार्ड बनाने वाले अधिकारियों ने उन्हें महज इसलिए वापस भेज दिया, क्योंकि उन्होंने अपने तन पर दुपट्टा नहीं डाला हुआ था.