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संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं, आरोप-प्रत्यारोप जारी

मानसून सत्र के अंतिम दिनों में भी संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं हैं क्योंकि कांग्रेस ने रविवार को भी ललित मोदी और व्यापम मुद्दों पर अपने रूख में किसी ढिलाई के कोई संकेत नहीं दिए और ‘अपशब्दों की राजनीति’ के लिए भाजपा की आलोचना की.

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मानसून सत्र के अंतिम दिनों में भी संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं हैं क्योंकि कांग्रेस ने रविवार को भी ललित मोदी और व्यापम मुद्दों पर अपने रूख में किसी ढिलाई के कोई संकेत नहीं दिए और ‘अपशब्दों की राजनीति ’ के लिए भाजपा की आलोचना की.

सत्तारूढ़ पार्टी ने भी कांग्रेस पर यह कहते हुए अपने हमले की धार तेज कर दी कि इसने सत्र के दौरान ‘बाधाकारी और विध्वंसक’ भूमिका निभाई है क्योंकि यह ‘राजनीतिक रूप से दिवालिया’ हो गई है. कांग्रेस के वे 25 लोकसभा सदस्य सोमवार को सदन में लौटेंगे जिन्हें अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उदंड व्यवहार के लिए पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि कांग्रेस नेता इन सवालों से बचते नजर आए कि क्या सांसद सदन में दोबारा तख्तियां दिखाएंगे.

ऊधर, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कांग्रेस से अपील की कि वह सत्र के शेष चार दिनों में संसद को कामकाज करने दे . उन्होंने कहा कि सरकार गतिरोध को तोड़ने के लिए किसी भी उचित परामर्श पर विचार करने को तैयार है. हालांकि विपक्ष पर उनकी इस अपील का असर नहीं हुआ.

नायडू ने चेन्नई में कहा, ‘वहां आठ अन्य महत्वपूर्ण विधेयक हैं, चार विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी समझेगी . देखते हैं सोमवार को क्या होने जा रहा है. मैं चाहता हूं कि सोमवार, सोमवार ही रहे तथा मैं यह नहीं चाहता कि सोमवार, रविवार बन जाए.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें (कांग्रेस को) कह चुका हूं. चर्चा होने दीजिए. यहां तक कि कांग्रेस सांसदों का निलंबन निरस्त भी किया जा सकता था. लेकिन कोई जवाब नहीं आया. यदि अब भी कोई उचित परामर्श आता है तो सरकार परामर्श पर विचार करने की इच्छा रखती है.’

इनपुट BHASHA...

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