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अजमेर दरगाह धमाके में साध्वी प्रज्ञा और इंद्रेश कुमार के खिलाफ सुबूत नहीं: NIA

एनआईए ने इस मामले की जांच से जुड़ी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि इन दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. ऐसे में इनके खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की फाइल फोटो
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की फाइल फोटो

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अजमेर दरगाह पर वर्ष 2007 में हुए बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बार फिर से आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी है.

एनआईए ने इस मामले की जांच से जुड़ी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि इन दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. ऐसे में इनके खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है.

इससे पहले इस बम विस्फोट के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी पाए गए भवेश पटेल और आरएसएस के नेता देवेंद्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इसके साथ ही पटेल पर 10,000 रुपये तथा गुप्ता पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

बता दें कि अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को प्रेशर कूकर बम से ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 3 जायरीनों की मौत हो गई थी, जबकि 15 जायरीन घायल हुए थे. विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान लावारिस बैग मिला था, जिसमें टाइमर लगा जिंदा बम मिला था. इसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई. एनआईए ने अपनी जांच में कुल 13 लोगों को धमाके का दोषी पाया था.

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इस ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल आरोपी थे. एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है. वहीं आरोपियों में से संदीप डांगे और रामचंद कलसारा अभी तक गायब हैं.

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