अमेरिका पर आतंकवादी हमले की नौवीं बरसी के अवसर पर मृतकों को याद करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि इस्लाम के साथ अमेरिका की कोई लड़ाई नहीं है क्योंकि इस्लाम ने नहीं बल्कि दुर्दांत आतंकवादी समूह अलकायदा ने देश पर हमला किया था.
ग्राउंड जीरो के पास विवादास्पद मस्जिद के निर्माण और फ्लोरिडा के पास्टर की कुरान जलाने की धमकी से उपजे विवाद के बीच ओबामा ने कहा कि आतंकवादी संगठन विभिन्न आस्थाओं के बीच संघर्ष कराना चाहते हैं.
आतंकवादी हमलों के निशानों में से एक पेंटागन से अपने संबोधन में ओबामा ने कहा कि बतौर अमेरिकी, इस्लाम से हमारी जंग कभी नहीं होगी क्योंकि हम पर किसी मजहब ने नहीं बल्कि अल कायदा ने हमला किया था जो उन लोगों का समूह है जो दरअसल धर्म की राह से भटके हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस दिन हमें याद दिलायी जाती है कि हम इस प्रलोभन में नहीं आएंगे. हम एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे. हम एक दूसरे से लड़ते हैं. हम खुद को डर से परिभाषित किए जाने की अनुमति नहीं देंगे बल्कि उम्मीदों से परिभाषित करेंगे जो हमारे पास हमारे परिवारों, हमारे देश और उनके बेहतर भविष्य के लिए है.’{mospagebreak}
गौरतलब है कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर किए गए आतंकवादी हमले में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे. न्यूयार्क में हर साल ग्राउन्ड जीरो पर विषादयुक्त संगीत की पृष्ठभूमि में आतंकवादी हमले में मरने वाले 2752 लोगों के नाम को पढ़ा जाता है और मरने वाले लोगों की याद में मौन रखा जाता है.
आतंकवादियों ने वर्ल्ड ट्रेड के जुड़वां टावरों से दो विमानों को टकराकर इस हमले को अंजाम दिया था. राष्ट्रपति ने कहा कि इस स्मृति दिवस पर देश उन लोगों का सम्मान कर रहा है जो इसलिए मरे ताकि दूसरे लोग जी सकें. इनमें दमकलकर्मी, प्रथम प्रतिक्रिया व्यक्त करने वे लोग जो जलते टावर की सीढ़ियों पर चढ़ गए थे. साथ ही वर्दीधारी पुरुष और महिलाएं भी शामिल हैं जो अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए लड़े.
ओबामा ने वादा किया, ‘अमेरिकावासी देश की रक्षा करने से कभी नहीं हिचकिचाएंगे. हम अपने सैनिकों और इस देश की रक्षा के लिए सेवा देने वाले उन सभी लोगों और उनके परिवारों के लिए अपने संकल्प को दोहराते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम उस दिन की सही भावना को भी दोहराते हैं. बुराई के लिए मानवीय क्षमता के लिए नहीं बल्कि अच्छाई को लेकर मानवीय क्षमता के लिए. नुकसान पहुंचाने की इच्छा के लिए नहीं बल्कि बचाने की प्रेरणा के लिए.’