आईएसआई के मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों से संपर्क की जानकारी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को है जबकि सरकार को नहीं. गृह मंत्रालय ने बुधवार को पूरी तरह से यह साफ कर दिया कि ऐसी कोई खुफिया जानकारी हमारे पास नहीं है, जिसमें यह पता चले कि आईएसआई ने मुजफ्फरनगर दंगों के पीडि़तों से संपर्क किया था.
गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने प्रकाश जावडेकर के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है, जिसमें यह पता चले कि आईएसआई ने उन अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित परिवारों के युवाओं से संपर्क किया था, जो मुजफ्फरनगर में हाल में हुए सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित हुए थे.
दिल्ली पुलिस ने जनवरी में दावा किया था कि लश्कर ए तैयबा के दो संदिग्ध सदस्यों ने मुजफ्फरनगर क्षेत्र में दो लोगों से मुलाकात की थी. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया था कि मुजफ्फरनगर के दोनों निवासी दंगा पीडि़त थे या उनका वहां की हिंसा से कोई संबंध था.
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में उस समय विवाद पैदा हो गया था, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि आईएसआई ने दंगा पीडि़तों से संपर्क किया था. राहुल को इस बयान पर विपक्षी पार्टियों की तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.