ऐसे समय में जब देश में लोग अस्पताल तक न पहुंच पाने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं, चेन्नई की यह कहानी आपको खुशनुमा हवा के झोंके की तरह लगेगी.
सोमवार को यहां एक अनजान शख्स की जान बचाने के लिए ट्रैफिक रुक गया. मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाना था. हार्ट गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल से फोर्टिस मलार हॉस्पिटल लाया जाना था, जिसकी दूरी करीब 12 किलोमीटर है.
हार्ट ला रही एंबुलेंस के लिए रेड लाइट से मुक्त एक 'ग्रीन कॉरिडोर' बनाया गया, जिसकी बदौलत उसने यह दूरी महज 14 मिनट में तय कर ली. दो अस्पतालों के डॉक्टर और शहर की ट्रैफिक पुलिस के बीच तालमेल का यह आदर्श उदाहरण माना जा रहा है.
फोर्टिस के डॉक्टर सुरेश राव बताते हैं, 'जैसे ही हार्ट पहुंचा, हमने ट्रांसप्लाट की प्रक्रिया शुरू कर दी. रात 10:15 बजे तक नया दिल मरीज के शरीर में धड़कने लगा था.'
अगर आप चेन्नई शहर से वाकिफ नहीं है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि दोनों अस्पतालों के बीच की सड़क पर जबरदस्त ट्रैफिक रहता है. यह ट्रैफिक पुलिस, डॉक्टरों और आम लोगों की समझदारी और तालमेल ही था जिसकी बदौलत एक शख्स को जिंदगी मिल सकी.