लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने निर्देश जारी किया है कि सदन का कोई सदस्य स्पीकर चेयर के पास आकर या चेयर के पीछे मार्शल से बात नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, अगर किसी मंत्री या सांसद को अपनी बात स्पीकर तक पहुंचानी है तो वह लिखित में सदन में मौजूद हाउस स्टाफ के जरिए पहुंचा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह निर्देश जारी करने से पहले सभी पार्टियों की सहमति ली गई है.
नए नियम के मुताबिक, कोई मंत्री या सांसद स्पीकर की कुर्सी के पास या पीछे मार्शल से बात करने नहीं आ सकता. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि स्पीकर को किसी तरह की परेशानी न हो. 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 26 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र के दौरान लोकसभा का नया डिप्टी स्पीकर भी चुना जाएगा. लेकिन इस पद को लेकर अटकलें अभी से तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ने एनडीए सरकार पर दबाव डाला है कि उनकी पार्टी के नेता को यह पद दिया जाए.
ओम बिड़ला को 19 जून को 17वीं लोकसभा का स्पीकर चुना गया था. दो बार राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद रहे ओम बिड़ला ने लोकसभा स्पीकर के तौर पर सुमित्रा महाजन की जगह ली. लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिड़ला ने निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्य के निर्वहन के लिए प्रतिबद्धता जताई थी.
उन्होंने कहा था कि उनका काम सदन को निष्पक्ष तरीके और नियमों से चलाना है. बिड़ला ने कहा, हमारे आगे कई चुनौतियां हैं और लोगों की अपेक्षाएं भी. हमें लोगों की उम्मीदों को पूरा करना है. सरकार ने लोगों से जनादेश हासिल किया है. अब उसे लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना है.