scorecardresearch
 

किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं आंदोलन: हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर आंदोलन किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है.

Advertisement
X
अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर आंदोलन किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है.

Advertisement

हजारे ने मुम्बई मराठी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम में कहा, ‘यह आंदोलन किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है. आम आदमी के लिए भ्रष्टाचार से सामना किये बिना जीना असंभव हो गया है. भ्रष्टाचार बढ़ गया है जिसके कारण महंगाई भी बढ़ गई है.

भ्रष्टाचार ही महंगाई का मूल कारण है.’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि भ्रष्टाचार को एकसाथ मिटाना संभव न हो लेकिन हम उसे कम से कम 80-90 प्रतिशत तो कम कर ही सकते हैं.’ गांधीवादी नेता अन्ना ने याद करते हुए कहा कि वह तारीख नौ अगस्त ही थी जब उन्होंने महाराष्ट्र में सूचना का अधिकार कानून के लिए यहां पर अनशन शुरू किया था.

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आंदोलन स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई है. अंग्रेजों को देश से बाहर खदेड़ने के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. लेकिन गत 65 वर्षों में कोई परिवर्तन नहीं आया है.’
हजारे ने कहा, ‘2जी आवंटन घोटाला और सुरेश कलमाड़ी का राष्ट्रमंडल घोटाला सूचना के अधिकार कानून से ही सामने आया लेकिन इस कानून के पास दोषियों को जेल भेजने का अधिकार नहीं हैं. जनलोकपाल विधेयक में वह शक्ति है. इसी कारण से हम इस कानून को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं.’

Advertisement

उन्होंने भ्रष्टाचार से रोकने के लिए कड़ी सजा के प्रावधान का समर्थन करते हुए कहा, ‘इसके लिए आजीवन कारावास की सजा क्यों न हो? वास्तव में हम यह कह रहे हैं कि भ्रष्टाचारी को फांसी की सजा होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्ति से राशि बरामद करने का प्रावधान होना चाहिए. दोषी व्यक्ति को मात्र जेल भेजना ही पर्याप्त नहीं होगा. राशि भी उस व्यक्ति से बरामद होनी चाहिए.’

उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण के लिए इच्छाशक्ति का अभाव है. उन्होंने कहा, ‘हम जनलोकपाल विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं. उसे स्वायत्तता मिलनी चाहिए. वह किसी सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए. लेकिन सरकार का कहना है कि वह ऐसा सख्त कानून नहीं चाहती.’

हजारे ने कहा, ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार पर चलती है. जनप्रतिनिधियों और भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के बीच गठजोड़ है. हमारी मांग सभी कार्यालयों को लोकपाल के दायरे में लाने की है.’ लोकपाल को भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘राज्य स्तर पर सरकार का लोकायुक्त (की संस्था) में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. हम जो मांग कर रहे हैं वह संविधान से परे नहीं है. हम कोई समानंतर सरकार चलाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं.’

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘कितने आईएएस, आईपीएस अधिकारियों अथवा मंत्रियों को जेल हुई है? कारण यह है कि सीबीआई सरकार के अधीन है. सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से बाहर करिये. एक आयकर अधिकारी किसी के खिलाफ जांच कर सकता है यहां तक कि प्रधानमंत्री के खिलाफ लेकिन आखिर ऐसा होता क्यों नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘जब एक सांसद संसद में प्रश्न पूछने के लिए धन की मांग कर सकता है तो इस देश का क्या होगा.’
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो देखने के लिए जाएं m.aajtak.in पर.

Advertisement
Advertisement