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मालेगांव ब्लास्ट: NIA ने किया रोहिणी सालियान के आरोपों से इनकार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मालेगांव ब्लास्ट केस से जुड़ी विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान के उस चौंकाने वाला दावे को गलत बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब से केंद्र में नई सरकार बनी है, तब से उन पर हिंदू आरोपियों के प्रति नरम रुख अख्त‍ियार करने का दबाव डाला जा रहा है

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विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान
विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मालेगांव ब्लास्ट केस से जुड़ी विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियान के उस चौंकाने वाला दावे को गलत बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब से केंद्र में नई सरकार बनी है, तब से उन पर हिंदू आरोपियों के प्रति नरम रुख अख्त‍ियार करने का दबाव डाला जा रहा है

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सात साल पुराना मामला
मालेगांव में साल 2008 में रमजान के दौरान हुए ब्लास्ट में मुस्लिम समुदाय के 4 लोग मारे गए थे. इस मामले में हिंदू चरमपंथियों पर आरोप हैं. इस बहुचर्चित केस से जुड़ी रोहिणी सालियन ने बताया कि बीते एक साल से जब से नई सरकार सत्ता में आई है, तब से एनआईए की ओर से उन पर दबाव बनाया जा रहा है. जांच एजेंसी ने उन्हें इस केस के आरोपियों के प्रति 'सॉफ्ट' रहने को कहा है.

NIA का स्पष्टीकरण
एनआईए ने वकील के आरोपों से इनकार करते हुए दो पेज का एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें इस बात से इनकार किया गया कि एजेंसी के किसी अधिकारी ने सालियान को कोई अनुचित सलाह दी है. इसमें सालियान के इस आरोप से भी इनकार किया गया है कि उनके द्वारा देखे जा रहे मामलों में उनके अभियोजन कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया गया था.

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अधिकारी के फोन का दावा
विशेष सरकारी वकील रोहिणी ने कहा कि एनडीए सरकार बनने के बाद उन्हें NIA के एक अधिकारी का फोन आया. जब रोहिणी ने फोन पर केस की बात करने से इनकार कर दिया, तो अधिकारी ने उनसे मिलकर बताया कि उन्हें आरोपियों के प्रति नरम रुख अपनाना चाहिए.

-इनपुट भाषा से

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