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आडवाणी जी आपकी कोई सुनता नहीं: नीतीश कुमार

जेडीयू के राज्‍यस्‍तरीय सम्‍मेलन में नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के नेता अब घमंडी हो गए हैं. पार्टी में लोकतंत्र नहीं है. ये विरोधियों के सफाए की बात करते हैं. अपने वरिष्‍ठ नेताओं की बातों की भी कोई अहमियत नहीं है

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

जेडीयू के राज्‍यस्‍तरीय सम्‍मेलन में नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के नेता अब घमंडी हो गए हैं. पार्टी में लोकतंत्र नहीं है. ये विरोधियों के सफाए की बात करते हैं. अपने वरिष्‍ठ नेताओं की बातों की भी कोई अहमियत नहीं है.

इसी के साथ नीतीश कुमार ने बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी के फोन का जिक्र किया. जब बीजेपी में नेता तय किए जाने की बात चल रही थी तभी आडवाणी जी ने फोन किया और कहा कि आप हमारे राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जी की बात का भरोसा कीजए. नीतीश ने कहा कि मैंने उसी समय उनसे कहा, आडवाणी जी आपकी कोई सुनता नहीं है.

बीजेपी में फासिज्‍म है

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी पर आज जमकर बरसे. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी एक अवसरवादी पार्टी है. बीजेपी फासिज्‍म की बात करती है. उसे लोकतंत्र बिल्‍कुल नहीं पसंद है. उसे हिटलर की नीति और तरीका पसंद है. कहा जा रहा है कि विरोधियों का सफाया करेंगे. नीतीश ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र हैं जहां विरोधियों के सफाए किए जाने की बात की जा रही है. यह बीजेपी का लोकतंत्र नहीं फासिज्‍म है.

नीतीश की कहानी
जेडीयू की राज्यस्‍तरीय शिविर में नीतीश कुमार ने अपनी कहानी भी सुनाई. उन्‍होंने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि हमको तजुर्बा नहीं है स्‍टेशन पर चाय बेचने का, हम एक साधारण किसान परिवार से आए है. हमारे पिताजी वैद्य थे और मां घरेलू महिला. नीतीश ने कहा कि केवल कहने भर से कोई पिछड़ा नहीं हो जाता. राजनारायण, वीपी सिंह पिछड़ा नहीं थे, लेकिन उन्‍होंने पिछड़ों के दिल में अपनी जगह बनाई.  

विकास की झूठी कहानी
नीतीश ने विकास के मुद्दे पर भी नरेंद्र मोदी को नहीं बख्‍शा. उन्‍होंने कहा कि वे (मोदी) किस विकास की बात करते हैं. नोबेल पुरस्‍कार विजेता अमर्त्‍य सेन ने बिहार के विकास मॉडल की तारीफ की. सोशल मीडिया पर उनका क्‍या हश्र  किया इन लोगों ने, यह किसी से छुपी हुई बात नहीं है. उनके चरित्र हनन तक की कोशिश की गई. नीतीश ने कहा कि जब तक व्‍यक्ति का, उसके स्‍वास्‍थ्‍य का विकास नहीं होगा तब तक विकास बेमानी है.

कृष्‍ण की जाति, गुजरात का विकास
कभी भगवान राम को अपने चुनाव का मुद्दा बना लिया था बिहार आए तो भगवान कृष्‍ण पर लग गए. उन्‍होंने कृष्‍ण को भी यदुवंशी कह कर जात में बांध दिया. नीतीश ने कहा कि हमलोगों को एकजुट रहने की जरूरत है. अगर बिहार में लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने जेपी लोहिया के विचारों को जमीन पर उतारा. उन्‍होंने कहा कि बिहारी को सब मजदूर ही समझते हैं लेकिन यह हरदम नहीं रहेगा. अगर बिहार के लोग मजदूर नहीं होते तो आज गुजरात गुजरात नहीं होता.

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