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इस्‍लाम में लोकतंत्र की जगह नहीं: तालिबान

तालिबान सरगना मौलाना फजलुल्ला के ससुर सूफी मुहम्मद ने स्वात में सरेआम रैली में एलान कर दिया कि जहां इस्लाम है, वहां जम्हूरियत के लिए कोई जगह नहीं है.

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स्वात की आग पूरे पाकिस्तान में भड़काने की तैयारी कर रहा है तालिबान. स्वात में तालिबान सरगना मौलाना फजलुल्ला के ससुर सुफी मुहम्मद की तकरीर पर गौर करें. सूफी कह रहा है कि इस्लाम में जम्हूरियत की कोई जगह नहीं है. यानी पाक की जम्हूरियत अब तालिबान किसी भी दिन उखाड़ फेंकेगा.

तालिबान का नया एलान के मुताबिक इस्लाम में जम्हूरियत यानी लोकतंत्र की कोई जगह नहीं है. तालिबान सरगना मौलाना फजलुल्ला के ससुर है सूफी मुहम्मद, जिसने स्वात में सरेआम रैली में ये एलान कर दिया कि जहां इस्लाम है, वहां जम्हूरियत के लिए जगह नहीं.

स्वात में शरिया कानून के लिए पाक हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाला तालिबान सरगना मौलाना फजलुल्ला और उसका ससुर सूफी मुहम्मद अब पाक की जम्हूरियत को तबाह करने पर आमादा हैं.

मिंगोरा की इस रैली में सूफी मुहम्मद ने कहा कि पाकिस्तान के हुक्मरान काफिरों का निजाम लाकर उनकी खुशामद में लगे हैं मगर अब स्वात के अलावा पूरे मलाकंड डिवीजन में गैर-इस्लामी कानूनों को खत्म कर दिया जाएगा.

तहरीके निफाजे शरिया मुहम्मदी का सरगना सूफी मुहम्मद कहता है कि पाक का मौजूदा निज़ाम इस्लाम और कुरान के खिलाफ है. इस्लाम में जम्हूरियत की जगह नहीं. शरिया अदालतों से बड़ा कोई हुक्म नहीं, उसके खिलाफ कोई अपील नहीं हो सकती.

मिंगोरा में ये सब कुछ सूफी ने हजारों की भीड़ के सामने कहा, उसने तो हुकूमत के लिए फरमान भी जारी कर दिया. सूफी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि 23 अप्रैल तक मलाकंड डिवीजन के सारे जज यहां से चले जाएं. हर जिले में दारूल कज़ा बना दी जाए, और काज़ी भी बहाल हो जाएं. नहीं हुआ, तो हुकूमत भुगतने के लिए तैयार रहे.

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