नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बनाए जाने से नाराज लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मच गया है. पर, राष्ट्रीय स्वयंसेवी संघ ने साफ कर दिया है कि मोदी को चुनावी कमांडर बनाए जाने के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा.
सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि आडवाणी के इस्तीफे के बाद बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत से बात की. राजनाथ ने मोहन भागवत को आडवाणी के इस्तीफे की जानकारी दी.
आरएसएस ने बीजेपी को निर्देश दिया कि आडवाणी को मनाने के हरसंभव प्रयास किए जाएं, ताकि पार्टी के वरिष्ठ नेता अपना इस्तीफा वापस लें.
हालांकि संघ ने साफ कर दिया कि मोदी की ताजपोशी के निर्णय में किसी तरह के बदलाव का सवाल नहीं उठता. आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी का कोई फैसला सभी नेता मिलकर करते हैं. ऐसे में किसी एक व्यक्ति के विरोध के कारण इस निर्णय को बदला नहीं जा सकता.
सूत्रों की मानें तो 2002 गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि मोदी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें. लेकिन आडवाणी ने ही वाजपेयी को कहा था कि उन्हें पार्टी के बहुमत की भावना को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
संघ का मानना है कि पार्टी की भलाई के लिए आडवाणी को भी मोदी की ताजपोशी के निर्णय का समर्थन करना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक संघ को ऐसा लगता है कि आडवाणी के इस्तीफे का असर लघु कालिक होगा. पर मोदी को कमान सौंपे जाने वाले फैसले का दूरगामी असर होगा जिसका पार्टी और संघ के एजेंडे को फायदा मिलेगा.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के 'पितामह' कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे दे दिया है. आडवाणी नरेंद्र मोदी को बीजेपी का चुनावी कमान सौंपे जाने से नाराज बताए जा रहे हैं. आडवाणी ने पार्टी के संसदीय बोर्ड, चुनाव समिति और वर्किंग कमिटी से इस्तीफा दिया है. हालांकि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्य बने हुए हैं.