कृषि मंत्री शरद पवार ने यह साफ-साफ कहा है कि राहुल गांधी को 2014 के चुनावों से पहले अपनी क्षमता साबित करनी होगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राहुल के नेतृत्व में काम करने का सवाल ही नहीं उठता. केंद्र में सहयोगी पार्टी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि राहुल को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए मनमोहन सरकार में शामिल होना चाहिए. इससे उन्हें फायदा मिलेगा. हालांकि पवार ने यह साफ किया है कि प्रधानमंत्री पद के लिए वो राहुल का विरोध नहीं कर रहे हैं.
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वो राहुल के नीचे काम करना पसंद करेंगे तो उन्होंने कहा, 'यहां जेनरेशन गैप है. साथ काम करने का प्रश्न ही नहीं उठता.'
इसके साथ ही पवार ने यह भी कहा, 'आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस ही दो बड़ी पार्टियां रहेंगी. हो सकता है बीजेपी कुछ और सीटें पाने में कामयाब रहे. उसी तरह कांग्रेस कुछ सीटें खो दे. लेकिन नंबर नहीं आ सकेगा.' उनका इशारा मैजिक फिगर की ओर था.
उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन पर जोर देते हुए कहा, 'मैं कांग्रेस के साथ हूं. कल, परिस्थितियों के अनुसार मैं समान विचारधारा वाली पार्टियों को मिलाकर केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का ही साथ दूंगा.' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने गठबंधन के घटक दलों के साथ गठजोड़ पर ध्यान देना चाहिए.
पवार ने सभी अफवाहों को विराम देते हुए यह भी साफ किया कि वो अगला चुनाव नहीं लड़ने जा रहे और ना ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
पवार ने देश में मोदी लहर को भी सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं 14 चुनावें लड़ चुका हूं. मेरा अनुभव है कि जब-जब कोई पार्टी चुनावी प्रक्रिया में समय से पहले शामिल हो जाती है उसे अंततः निराशा ही हासिल होती है.'
पवार ने प्याज के बढ़ती कीमतों पर कहा, 'मेरा मंत्रालय प्याज की किल्लत के लिए जिम्मेदार नहीं है. खाद्य मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इसे देखता है.'
उन्होंने कहा, 'प्याज की बढ़ती कीमतों से किसानों को कोई फायदा नहीं होता केवल बिचौलिए इससे पैसे कमा रहे हैं.'
उन्होंने बढ़ती प्याज की कीमतों में कृषि मंत्रालय के रोल को बेतुका बताते हुए कहा, 'जमीनी हकीकत का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. खेती से पैदावार बढ़ाना मेरे मंत्रालय का काम है और इस साल प्याज की पैदावार बढ़ी है.'