अयोध्या में विवादित स्थल पर पिछले 64 सालों से चली आ रही राम नवमी के दिन पूजा की परंपरा को अब बाधा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जिला प्रशासन ने इलाके में किसी तरह धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति न देने का फैसला किया है.
केवल न्यायालय द्वारा नियुक्त पुरोहित आचार्य सत्येंद्र दास को ही 67 एकड़ भूमि पर पूजा करने की अनुमति दी गयी है जिस पर केंद्र का नियंत्रण है.
राम जन्मभूमि सेवा समिति से जुड़े स्थानीय लोग पिछले 19 साल से राम नवमी के दिन विवादित स्थल पर पूजा करते आ रहे हैं. इस बार 19 अप्रैल को रामनवमी की पूजा होनी है.
उच्चतम न्यायालय ने इस साल 28 जनवरी को विवादित स्थल से लगी 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था और क्षेत्र में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि पर रोक लगा दी थी.