पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. कोर्ट ने मंगलवार को INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. पूर्व वित्त मंत्री ने कोर्ट से 3 दिन का वक्त मांगा था लेकिन कोर्ट ने वह भी देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद जल्द ही चिदंबरम की गिरफ्तारी हो सकती है या फिर अब उनके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है.
दिल्ली हाई ने कोर्ट ने पहले चिदंबरम की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया जिसके बाद उनके वकील की ओर से 3 दिन की मोहलत मांगी गई थी लेकिन हाई कोर्ट ने उसे भी देने से इनकार कर दिया है. फैसले के बाद चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह ने किसी टिप्पणी से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि चिदंबरम सांसद हैं इससे उनके केस पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है, साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी की पहचान को ध्यान में रखकर कोर्ट उसे संरक्षण नहीं दे सकता.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सबसे गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की पूरे घोटाले का सरगना मालूम होता है. कोर्ट ने कहा कि आर्थिक अपराध के मामले में सख्ती से निपटने की जरूरत है और जो शुरुआती सबूत हैं वह काफी पुख्ता नजर आते हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चिदंबरम से मुलाकात की है. चिदंबरम अब हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं लेकिन यह आज मुमकिन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट का कामकाज बुधवार सुबह फिर से शुरू होगा. दोनों नेताओं ने आगे के फैसले पर बातचीत की है.
क्या है INX केस
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया केस में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से गैरकानूनी तौर पर मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. इस केस में अभी तक चिदंबरम को 20 से ज्यादा बार गिरफ्तारी से राहत मिल चुकी है लेकिन इस बार हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया. ये मामला 2007 का है, जब पी. चिदंबरम यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री थे. पूर्व वित्त मंत्री के अलावा सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है जो फिलहाल जमानत पर हैं.
ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए INX मीडिया के पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने पी चिदंबरम से मुलाकात की थी ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो.