राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के ज्यादातर भागों में भी बारिश जारी रही जिससे कई नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
भारी बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश के छह जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. लखीमपुर जिले में छह लोगों के डूबकर मरने की आशंका जताई जा रही है. यह लोग उस वक्त डूब गए जब नौ लोगों को लेकर जा रही दो नौकाएं बीती रात घाघरा नदी में उलट गई.
दुधवा इलाके के पास रेल पटरी का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गया है, जिस वजह से आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का परिचालन निलंबित करना पड़ गया.
शारदा और घाघरा नदियों में बढ़ते जलस्तर से लखीमपुर, पल्लिया, निघासन और धौरेहरा तहसील के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है.
वहीं गंगा नदी के जलस्तर में भी राज्य में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि यमुना नदी प्रयाग घाट आगरा, इटावा, औरेया और नैनी में उफान पर है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह के वक्त बारिश के बाद फिर जलजमाव होने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई. दिन के वक्त 16 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि बीती रात 6.5 मिमी बारिश दर्ज की गई.
लगातार बारिश के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. हालांकि अधिकारियों ने यमुना तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है. उधर, उत्तराखंड के अधिकतर भाग में हल्की से भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में भूस्खलन होने से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई.
राज्य के हलद्वानी में 65 मिमी, रिषीकेश में 58, पंतनगर में 43 और नैनीताल में 38 मिमी बारिश दर्ज की गई.
राज्य में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों के जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गये हैं.
मानसून की बारिश से पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों में आम जनजीवन प्रभावित हो गया है, जबकि यमुना नदी के पास के इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है.
जम्मू कश्मीर के कठुआ में भी भारी बारिश हुई, जिससे एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा सात अन्य घायल हो गए.
उधर, राजस्थान के उपर मानसून कमजोर पड़ गया है. हालांकि, कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है. कोटा में दो मिमी बारिश दर्ज की गई.