केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में जर्मन भाषा की जगह संस्कृत भाषा लागू करने का फैसला प्रभावी रहेगा, लेकिन वर्तमान शैक्षिक सत्र में संस्कृत की परीक्षाएं नहीं होंगी. संस्कृत बनाम जर्मन: जानिए सब कुछ
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जस्टिस अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ को बताया कि शैक्षिक सत्र के बीच में विषय बदले जाने के कारण छात्रों के प्रति कोर्ट की चिंता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में संस्कृत की परीक्षा नहीं कराने का फैसला किया है.
सरकार ने स्पष्ट किया कि जर्मन भाषा अब वैकल्पिक भाषा होगी.
सरकार के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने वाले केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के अभिभावकों के वकील ने सरकार के नए फैसले पर अपने मुवक्किलों से चर्चा करने की अनुमति मांगी, जिसके बाद कोर्ट की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इनपुट- IANS