कश्मीर में रहने वाले पंडित समुदाय के लिए राहत की खबर है. अलगाववादियों ने इस बार शुक्रवार बंद को वापस लेने का ऐलान किया है. ये एलान शुक्रवार को पड़ने वाले शिवरात्रि त्योहार की वजह से किया गया है. अलगाववादी कैंप के एक प्रवक्ता ने बताया कि ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हिंदू समुदाय बिना किसी बाधा के शिवरात्रि का त्योहार मना सके.
कश्मीरी पंडितों में मनाए जाने वाले त्योहारों में शिवरात्रि की खास अहमियत है. इसे स्थानीय स्तर पर हेरथ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विशेष पूजा की जाती हैं. इस त्योहार में ब्रह्मांड के आकार वाले अखरोट का बहुत महत्व होता है. अखरोटों को मिट्टी के बर्तनों में भर कर पानी डाला जाता है. फिर परंपरा के अनुसार गीले अखरोटों को लोगों के बीच बांटा जाता है.
बता दें कि बुरहान वानी प्रकरण के बाद से घाटी में अलगाववादी खेमे शुक्रवार को बंद रख विरोध जताते रहे हैं. 24 फरवरी को भी बंद का आह्वान था. लेकिन अब इसे वापस लेने की वजह से ये सामान्य दिन की तरह ही रहेगा. इससे पहले घाटी के कई लोगों की ओर से बंद वाले दिन शिवरात्रि होने का मुद्दा उठाया था.