विमान उतरने के लिए जितनी दृश्यता जरूरी होती है, मंगलोर हवाईअड्डे पर आज उससे ज्यादा दृश्यता थी और दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलट की ओर से अधिकारियों को किसी गड़बड़ी के भी कोई संकेत नहीं मिले थे.
अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय :डीजीसीए: करेगा.
भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के अध्यक्ष वी पी अग्रवाल ने दुर्घटना के बाद दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि दुर्घटना के समय हवाईअड्डे पर दृश्यता छह किमी थी. विमान उतारने के लिए जितनी दृश्यता जरूरी होती है, वह उससे ज्यादा थी.
अग्रवाल ने कहा ‘‘पायलट की ओर से किसी तरह की गड़बड़ी या परेशानी के कोई संकेत नहीं मिले.’’ प्रश्नों का जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा कि ‘‘कोई रचनात्मक कमी’’ नहीं मिली है और अधिकारियों ने हवाईअड्डे पर सुरक्षा की सारी जरूरी जांच की थी.
दूसरी ओर मुंबई में एयर इंडिया के निदेशक (ऑपरेशंस) अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि विमान हवाईअड्डे पर उतरने के बाद हवाईपट्टी पर आगे निकल गया, जिसके चलते दुर्घटना हुई.
श्रीवास्तव ने पत्रकारों से कहा ‘‘विमान में 160 यात्री, चार नवजात शिशु और चालक दल के छह सदस्य थे. दुर्घटना के बाद आठ यात्री बचे हैं.’’