अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गरीबों के लिए जिस बेहद चर्चित 'न्याय' योजना का खाका पेश किया था उसके शिल्पकार थे 2019 के इकोनॉमिक्स में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभिजीत विनायक बनर्जी. साथ ही बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने शासनकाल के सबसे बड़े फैसले नोटबंदी की आलोचना की थी.
सोमवार को नोबेल पुरस्कार समिति ने इकोनॉमिक्स साइंस के विजेताओं के नाम का ऐलान किया, जिसमें अभिजीत बनर्जी का नाम भी शामिल था. बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को भी यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिए जाने का ऐलान किया गया. अभिजीत, एस्थर और माइकल को वैश्विक गरीबी कम करने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
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इकोनॉमिक्स में इससे पहले 1998 में अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार दिया गया था. अभिजीत नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल की आठवीं हस्ती हैं.
नोटबंदी के आलोचक
साल के मध्य में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 'न्याय' योजना पेश की थी जिसको लेकर दुनियाभर में बेहद चर्चा हुई. इस खास 'न्याय' योजना के शिल्पकार थे अभिजीत बनर्जी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिलने पर बधाई देते हुए बताया कि बनर्जी ने 'न्याय' योजना को तैयार करने में मदद की थी.
हालांकि अभिजीत बनर्जी ने मोदी सरकार की नोटबंदी योजना का विरोध किया था. इस फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि दर्द शुरू होने की आशंका से दर्द कहीं अधिक होगा. कई लोग महसूस करते हैं कि मौजूदा आर्थिक तनाव की जड़ें नोटबंदी में ही है.Congratulations to #AbhijitBanerjee on winning the Nobel Prize in Economics.
Abhijit helped conceptualise NYAY that had the power to destroy poverty and boost the Indian economy.
Instead we now have Modinomics, that’s destroying the economy and boosting poverty. https://t.co/joBYusVFKT
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 14, 2019