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वाम दलों की अगुवाई में आज 2014 का बिगुल फूंकेगा तीसरा मोर्चा

नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के अलावा 2014 की लड़ाई में एक तीसरा योद्धा भी होगा. हालांकि नाम अभी तय किया जाना बाकी है. वाम दलों की अगुवाई में दिल्ली में गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी दल आज बैठक करने वाले हैं.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के अलावा 2014 की लड़ाई में एक तीसरा योद्धा भी होगा. हालांकि नाम अभी तय किया जाना बाकी है. वाम दलों की अगुवाई में दिल्ली में गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी दल आज बैठक करने वाले हैं.

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मुलायम को टक्कर दे सकते हैं नीतीश
इस कड़ी में आज यहां समाजवादी पार्टी समेत कई दलों के नेता जमा हो रहे हैं. एक दिन पहले ही मोदी को हिटलर बताने वाले उनके 'मित्र' और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना ब्लास्ट के मामले पर शिंदे से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं. वह भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. जानकारों का मानना है कि चुनाव के बाद अगर तीसरे मोर्चे की संभावना बनती है तो पीएम पद की रेस में वह मुलायम सिंह को कड़ी टक्कर देंगे.

सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान
माना जा रहा है कि बैठक में 'सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट' होने का आह्वान किया जाएगा. कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता ने बाताया कि हम धर्मनिरपेक्ष और एक समान विचार धारा वाले दलों को एक मंच पर ला रहे हैं. लेकिन यह कोई चुनावी समझौता नहीं है.

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इस बैठक में जिन दलों को बुलाया गया है उनमें सीपीआई, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), फॉर्वर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), असम गण परिषद, एआईएडीएमके और झारखंड मुक्ति मोर्चा शामिल हैं.

वाम मोर्चे और इन दलों का मानना है कि 2014 के चुनाव में न तो कांग्रेस सरकार बना पाएगी और न ही बीजेपी. इसलिए वे अभी से एक मैदान तैयार कर रहे हैं.

नीतीश पर कांग्रेस भी डाल रही है डोरे
उधर जेडी (यू) के नेता शरद यादव ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य तीसरा मोर्चा बनाना नहीं है लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह को तीसरे मोर्चे से बहुत उम्मीदें हैं और वे इसके लिए काफी जोर लगा रहे हैं.

नीतीश ने अब तक तीसरे मोर्चे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कांग्रेस से अपने गठबंधन की संभावना से भी इनकार नहीं किया है. वह कई बार कह चुके हैं कि वह उस सरकार को समर्थन देंगे जो बिहार को 'विशेष राज्य' का दर्जा देगी. माना जा रहा है कि यूपीए सरकार इस दिशा में गंभीरता से सोच रही है.

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