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सरकार के लिए 'चीयरलीडर' नहीं बन सकता है कैग: विनोद राय

कैग विनोद राय ने एक दिलचस्‍प टिप्‍पणी करते हुए कहा कि हमें सरकार के लिए चीयरलीडर की भूमिका में नजर नहीं आना चाहिए.

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विनोद राय
विनोद राय

इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में कैग विनोद राय ने अपनी बेबाक राय रखी. विनोद राय ने कॉनक्‍लेव के दिलचस्‍प सत्र 'The Super Auditor: The Role of Accountability in a Democracy'. के दौरान अपने विचार व्‍यक्‍त किए.

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विनोद राय ने एक दिलचस्‍प टिप्‍पणी करते हुए कहा कि हमें सरकार के लिए चीयरलीडर की भूमिका में नजर नहीं आना चाहिए. वे हाल के दिनों में खूब सुर्खियां बटोर रहे कैग की भूमिका के बारे में अपनी राय रख रहे थे.

सरकारी सेवा पूरी होने के बाद की चर्चा करते हुए विनोद राय ने कहा, 'अगर मैं रिटायरमेंट के बाद पॉलिटिक्‍स में आने की बात से इनकार करता हूं, तो आप मेरी बात का यकीन नहीं करेंगे. अगर मैं हां कहूं, तो मेरी मुसीबतें बढ़ जाएंगी.'

विनोद राय ने कहा कि हर संस्‍था को निगरानी की जरूरत है, खासकर जो संस्‍थाएं लोकतंत्र में अहम भागीदारी निभाती हैं. उन्‍होंने कहा कि चाहे हम कौटिल्‍य के जमाने की बात करें, या एथेंस के साम्राज्‍य की बात करें, जवाबदेही वाली संस्‍थाएं हमेशा ही अस्तित्‍व में रही हैं.

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विनोद राय ने कहा कि एक सफल लोकतंत्र में जवाबदेही वाली संस्‍थाएं हमेशा ही केंद्रीय भूमिका में रही हैं. उन्‍होंने कहा कि जो जनता के पैसे का हिसाब-किताब रखते हैं या सार्वजनिक रकम का लेन-देन करते हैं, उन्‍हें हर तरीके से पारदर्शी होना ही चाहिए. उन्‍होंने कहा कि जवाबदेही के मामले में पावर या पैसे की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए.

विनोद राय ने कहा कि हम गंभीरतापूर्वक यह यकीन करते हैं कि हमारा काम केवल खर्चों का ऑडिट करना ही नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हमारा काम 65 साल पहले की तुलना में काफी अलग और व्‍यापक हो चला है. उन्‍होंने कहा कि हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि सरकार वित्तीय रूप से अपनी जनता के प्रति जवाबदेह है, जो टैक्‍स अदा करती है. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने भी ऑडिट को गवर्नमेंट ऑडिट ऑफिसर से बदलकर गवर्नमेंट अकाउंटेबलिटी ऑफिसर के हाथों में सौंप दी है.

विनोद राय ने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि हम अपने लोकतंत्र की सफलताओं और विफलताओं पर एक नजर डालें. 'इंडिया बनाम भारत' की चर्चा करते हुए कहा कि 'इंडिया' या 'भारत' जैसी कोई बात नहीं है, हम एक राष्‍ट्र के निवासी हैं. उन्‍होंने कहा कि अंतत: यह जनता ही है, जिस पर सारी जवाबदेही टिकी हुई है.

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विनोद राय ने कहा कि हम गलतियों को ढूंढ निकालने वाले हैं. उन्‍होंने कहा कि भय के कारण ही देश की नौकरशाही उम्‍दा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. उन्‍होंने कहा कि हमने जिन संस्‍थाओं की ऑडिट की है, उसकी रेटिंग करना कठिन काम है.

मनरेगा की चर्चा करते हए विनोद राय ने कहा कि यहां तक इसके ढांचे की बात है, यह एकदम लाजवाब है. लेकिन इसे जिस तरीके से लागू किया गया है, वह पर्याप्‍त नहीं है. उन्‍होंने कहा कि वे इंडिया टुडे के प्रति आभारी हैं.

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