गृह मंत्री पी चिदंबरम द्वारा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पर हमले के पीछे माओवादियों का हाथ होने की बात कहे जाने के एक दिन बाद रेल मंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वह वामपंथी उग्रवादियों की संलिप्तता को लेकर आश्वस्त नहीं हैं.
ममता ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे जानकारी नहीं है कि हमले के पीछे माओवादियों का हाथ था. लेकिन इस हमले के पीछे जो भी है उसे दंडित किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने से पहले वह इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहना चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं राजनैतिक ज्योतिषी नहीं हूं. मैं जांच से पहले कुछ भी नहीं कह सकती.’
चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि शक की सूई माओवादियों या उनके मुखौटा संगठन की ओर घूम रही है. रेलवे ने इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. इस घटना में 149 लोगों की मृत्यु हुई. हालांकि, राज्य सरकार ने इस तरह के विचार का समर्थन नहीं किया है.
ममता ने कहा, ‘सीबीआई जांच का मामला गृह मंत्रालय के विचाराधीन है.’ उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने की है. ममता ने इस घटना को निर्दोष लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या बताते हुए कहा कि सरकार अपराधियों को दंडित करने के लिए सबकुछ करेगी. गत 28 मई को महाराष्ट्र जाने वाली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और वह विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गई थी.
स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान सोमवार को पुलिस फायरिंग की घटना के बारे में पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर इसके लिए दोषारोपण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘यह मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है. मुख्यमंत्री ने गुंडों को चुनाव में धांधली की अनुमति दी. यह उनकी आंतरिक लड़ाई है. उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों को वहां आने की अनुमति नहीं दी. तृणमूल कांग्रेस कुछ भी नहीं जानती.’