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कार्यकर्ताओं ने नहीं, बड़े नेताओं ने खड़े किए सवाल: गडकरी

भाजपा के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज पार्टी में पिछले कुछ दिनों के हालात पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा में प्रश्न छोटे कार्यकर्ताओं की वजह से नहीं बल्कि उन बड़े नेताओं की ओर से खड़े होते हैं जिन्हें पार्टी ने बहुत कुछ दिया है.

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भाजपा के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज पार्टी में पिछले कुछ दिनों के हालात पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा में प्रश्न छोटे कार्यकर्ताओं की वजह से नहीं बल्कि उन बड़े नेताओं की ओर से खड़े होते हैं जिन्हें पार्टी ने बहुत कुछ दिया है.

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गडकरी ने भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा ‘‘पार्टी के नेताओं को यह आत्मनिरीक्षण करना होगा कि वह राजनीति अपने भविष्य के लिए कर रहे हैं या पार्टी के भविष्य के लिए.’’ उन्होंने बहुत ही कड़े शब्दों में पार्टी के नेताओं से कहा ‘‘अपनी रेखा बड़ी करें, दूसरे की रेखा छोटी करने की कोशिश न करें.’’

गडकरी ने कहा ‘‘पार्टी में प्रश्न छोटे कार्यकर्ताओं के कारण खड़े नहीं होते बल्कि प्रश्न उनसे खड़े होते हैं जिन्हें पार्टी ने बहुत कुछ दिया है.’’ उन्होंने कहा ‘‘सभी नेता इस बात का ध्यान रखें कि आदर आपको अपने आचरण से मिलना चाहिए और आदर की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए.’’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि छोटे दिल से बड़े लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सकते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की ये पंक्तियां दोहराईं ‘‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.’’ पार्टी में चुनाव के टिकटों के बंटवारे में भाईभतीजावाद की बीमारी का संकेत देते हुए उन्होंने कहा ‘‘पार्टी में कई बार तेरा. मेरा के आधार पर टिकट दिए जाते हैं. ऐसे में वे लोग टिकट से वंचित रह जाते हैं जो चुनाव जीतने का दम रखते हैं.’’ उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जवाबदेही तय होनी चाहिए.

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पार्टी की स्थिति पर यह कड़ी टिप्पणी करने के साथ ही उन्होंने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है बल्कि स्थिति से उबरने की आवश्यकता है.

गडकरी ने कहा ‘‘मानव हारने से नहीं बल्कि मैदान छोड़ने से पराजित होता है. इसलिए एक नए संकल्प से पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा ‘‘इन हालात से हमें जरा भी कमजोर होने की जरूरत नहीं है. नौ राज्यों में अभी भी हमारी सरकारें हैं और हजार से अधिक हमारे विधायक हैं. पौने दो सौ सांसद हैं. अत: सकारात्मक दृष्टिकोण और बड़ा दिल तथा मानवीय संबंध अच्छे रख कर हमें आगे की ओर बढ़ना चाहिए.’

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