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पूर्व नियोजित नहीं था वोट के बदले नोट स्टिंग: कुलकर्णी

‘वोट के बदले नोट’ स्टिंग ऑपरेशन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और उनके सहायक सुधींद्र कुलकर्णी के शामिल होने के आरोपों के बीच कुलकर्णी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह ‘पूर्व नियोजित’ नहीं था.

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‘वोट के बदले नोट’ स्टिंग ऑपरेशन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और उनके सहायक सुधींद्र कुलकर्णी के शामिल होने के आरोपों के बीच कुलकर्णी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह ‘पूर्व नियोजित’ नहीं था.

नोट बीजेपी की ओर से नहीं आए थे
कुलकर्णी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘मुझे एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के जरिए इस स्कैंडल का पर्दाफाश करने के प्रयास में खुद के शामिल होने पर कोई खेद नहीं है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि तीन सांसदों की ओर से संसद में दिखाए गए नोट बीजेपी की ओर से नहीं आए थे.’’ फिर भी उन्होंने कहा कि ये नकदी उन्हीं तत्वों ने उन्हें प्रदान किए थे जो संप्रग सरकार का अस्तित्व सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे थे.

आडवाणी पर दोष मढ़ना गलत
हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. उनका यह बयान जसवंत सिंह के उन आरोपों के मद्देनजर आया है जिसमें कहा गया था कि ‘वोट के बदले नोट’ स्टिंग ऑपरेशन में आडवाणी और कुलकर्णी की साठगांठ थी. कुलकर्णी ने कहा कि वह इस प्रकरण में आडवाणी के ‘अनावश्यक और नकरात्मक’ उल्लेख से दुखी हैं. कुलकर्णी ने कहा, ‘‘इस प्रकरण में आडवाणी पर दोष मढ़ना बिल्कुल गलत है.’’ कुलकर्णी ने कहा कि इस स्टिंग ऑपरेशन में हिस्सा लेकर उन्होंने कोई अपराध और अनैतिक कार्य नहीं किया था.

'मेरी भूमिका मदद करने वाले की थी'
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने रिश्वत के धन की व्यवस्था करने में कोई भूमिका नहीं निभाई थी, जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में संकेत दिया गया है. मेरी भूमिका सच का खुलासा करने वाले इस आपरेशन में मदद करने वाले की थी.’’ कुलकर्णी ने कहा कि यद्यपि वह बीजेपी में अब नहीं हैं लेकिन वह किसी भी निष्पक्ष जांच का सामना करने को तैयार हैं और उनका मानना है कि इस ‘शर्मनाक स्कैंडल’ का पर्दाफाश करने का प्रयास करके पार्टी ने सही काम किया.

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