उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि कश्मीर मामले पर बहस के लिए कुछ भी नहीं है, कश्मीर की एक-एक इंच जमीन भारत की है. उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला राजनीतिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय फैसला है. हम कभी भी नहीं चाहते कि हमारे आतंरिक मामलों में कोई दखल दे. हम किसी भी देश को इसमें दखल देने को नहीं कह सकते हैं.
बेंगलुरु में मंगलवार को बीएचएस उच्च शिक्षा सोसाइटी के प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाना एक राष्ट्रीय मुद्दा था न कि राजनीतिक मुद्दा क्योंकि यह राष्ट्र की एकता, सुरक्षा, सुरक्षा और अखंडता से जुड़ा था.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियमित रूप से चुनाव हो रहे थे और सांसद, विधायक और सरपंच निर्वाचित हो रहे थे. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर का पुनर्गठन एक आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा, हम किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं और हम अपने मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए किसी और को नहीं चाहते हैं.
आतंकियों की सहायता करने, आतंकित करने, प्रशिक्षण देने और आतंकवाद की फंडिंग को लेकर पड़ोसी देश की आलोचना करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखने में विश्वास करता है.