इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने करोड़ो रुपये के बहुचर्चित ताज कॉरीडोर घोटाला मामले मे दायर जनहित याचिकाओं पर उप्र की मुख्यमंत्री मायावती और कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को नोटिस जारी कर दी.
जनहित याचिका पर नोटिस जारी
न्यायमूर्ति प्रदीपकांत एवं न्यायमूर्ति सबीहुल हसनैन की खंडपीठ ने यह आदेश अनुपमा सिह ,कमलेश वर्मा व अन्य की जनहित याचिकाओं पर पारित किया है. इन याचिकाओं मे सीबीआई अदालत के पांच जून 2007 के उस आदेश को चुनौती दी गयी है, जिसके तहत मुख्यमंत्री मायावती एवं कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ ताज कारीडोर मामले मे कार्रवाई समाप्त कर दी गयी थी. गौरतलब है कि इस मामले में 3 जून, 2007 को राज्यपाल टी वी राजेस्वर ने मायावती एवं सिद्दीकी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृत देने से इनकार कर दिया था.
फिर से खुलेगा मामला
इस मामले में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सीबी पांडेय ने बताया कि दायर याचिकाओं में याचियों का कहना था कि पांच जून 2007 को सीबीआई की विशेष अदालत का आदेश कानून की मंशा के खिलाफ है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और उनके कैबिनेट सहयोगी नसीमुद्दीन सिद्दिकी को उनके खिलाफ ताज कोरिडोर मामले को फिर से खोलने की याचिका पर नोटिस जारी किया.