यूपीए सरकार को हिलाकर रख देने वाले कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में एक अहम हलफनामा दाखिल करने से एक दिन पहले सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने जोर देकर कहा कि इस मामले में एजेंसी की जांच ‘निष्पक्ष एवं स्पष्ट’ रही है और किसी भी आरोपी या संदिग्ध को बख्शा नहीं गया.
आगामी आठ मई को उच्चतम न्यायालय में होने वाली मामले की सुनवाई केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार का राजनीतिक भाग्य तय कर सकती है. पांच मार्च को अश्विनी कुमार की सीबीआई निदेशक और कुछ अन्य लोगों से मुलाकात पर विवाद पैदा हो गया है. कहा जा रहा है कि अश्विनी ने घोटाले से जुड़ी स्थिति रिपोर्ट देखी थी. यह स्थिति रिपोर्ट छह मार्च को सीबीआई की ओर से न्यायालय में पेश की जानी थी.
पिछले 12 अप्रैल को हुई सुनवाई में अदालत ने सिन्हा से कहा था कि वह एक हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरिन रावल के अदालत में दिए गए बयान के मुताबिक स्थिति रिपोर्ट किसी से भी साझा नहीं की गयी थी.
सिन्हा ने ‘पीटीआई’ से कहा कि छह मार्च को सीबीआई की ओर से दाखिल स्थिति रिपोर्ट में किसी अहम बदलाव की इजाजत नहीं दी गयी थी . दोनों रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय के पास हैं और माननीय न्यायालय इसकी जांच कर सकता है. किसी भी आरोपी या संदिग्ध को बचने नहीं दिया गया है और रिपोर्ट के निष्कर्षों के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी है. यह एक निष्पक्ष एवं स्पष्ट जांच है.’
बीते 26 अप्रैल को दाखिल हलफनामे में सिन्हा ने कहा था, ‘मैं सूचित करता हूं कि उच्चतम न्यायालय में पेश किए जाने से पहले स्थिति रिपोर्ट का मसौदा कानून मंत्री की मर्जी के मुताबिक उनसे साझा किया गया था. राजनीतिक नेतृत्व के अलावा इसे प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के एक-एक संयुक्त सचिव को दिखाया गया था.’ खबरों के मुताबिक, पांच मार्च को हुई बैठक में रावल भी मौजूद थे.
सिन्हा ने कहा कि तथ्य अपने लिए खुद बोलेंगे ‘क्योंकि सीबीआई की ओर से अदालत को गुमराह करने की कोई कोशिश नहीं की गयी है. बदलावों पर किसी नतीजे तक पहुंचने से बचना चाहिए और इसे उच्चतम न्यायालय पर छोड़ देना चाहिए. वही इस पर कोई विचार रखेगा.’ उन्होंने कहा कि यह मामले में बस पहली स्थिति रिपोर्ट थी और भविष्य में कोयला घोटाले की जांच की प्रगति पर कोई रिपोर्ट सरकार के साथ साझा नहीं की जाएगी.
सीबीआई प्रमुख ने उम्मीद जतायी कि भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए उच्चतम न्यायालय कुछ दिशानिर्देश जारी करेगा. सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करूंगा जिसके बारे में मैं मीडिया से कोई जानकारी साझा नहीं कर सकता लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस कवायद से कुछ सकारात्मक चीजें सामने निकल कर आएंगी और उच्चतम न्यायालय कुछ ऐसे दिशानिर्देश जारी करेगा जिसमें सीबीआई और सरकार के रिश्ते को परिभाषित किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि भविष्य में ऐसे ही मामलों से एजेंसी को किस तरह निपटना है.’ उन्होंने कहा, ‘आखिरकार सीबीआई में हम और उच्चतम न्यायालय यही चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए और दोषियों को सजा मिले. सीबीआई निदेशक ने कहा कि पहले उच्चतम न्यायालय की ओर से ऐसी कोई रोक नहीं लगायी गयी थी कि रिपोर्ट किसी से साझा नहीं करनी है.