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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में बिना गार्ड के चलेंगी मालगाड़ियां

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर यानी ऐसी रेल लाइन जिस पर सिर्फ और सिर्फ माल गाड़ियां ही चलेगी. पिछले 1 साल में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का काम 5 गुना तेजी से आगे बढ़ा है. खुर्जा से कानपुर और रेवाड़ी से पालनपुर के बीच डीएफसी के काम में खांसी तेजी आई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर यानी ऐसी रेल लाइन जिस पर सिर्फ और सिर्फ माल गाड़ियां ही चलेगी. पिछले 1 साल में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का काम 5 गुना तेजी से आगे बढ़ा है. खुर्जा से कानपुर और रेवाड़ी से पालनपुर के बीच डीएफसी के काम में खांसी तेजी आई है.

दिसंबर 2016 तक दोनों कॉरीडोरों में अत्याधुनिक एनटीसी मशीनों द्वारा कुल 480 किलोमीटर तक मैकेनाइज्ड ट्रैक लाइन की गई है. इसमें से 300 किलोमीटर से ज्यादा ट्रैक बिछाने का काम पिछले 1 साल के दौरान किया गया है. ईस्टर्न डीएफसी के न्यू दुर्गावती सासाराम सेक्शन और पश्चिमी डीएफसी के रेवाड़ी और इकबालगढ़ सेक्शन की निगरानी के लिए द्रोण और जियो लोकेशन आधारित सेटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है.

2019 तक तैयार हो जाएगा डीएफसी
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आदेश शर्मा ने डीएफसी की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डीएफसी 2019 में पूरी तरह से शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि उससे पहले कानपुर-खुर्जा के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को 2018 में ही चालू कर दिया जाएगा.

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आदेश शर्मा ने बताया ईस्टर्न कारिडोर और वेस्टर्न कॉरिडोर के लिए फंड की व्यवस्था पूरी तरह से कर ली गई है. डीएफसी नेटवर्क को 'लेवल क्रॉसिंग' मुक्त बनाने की योजना है. इसके लिए रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज बनाए जा रहे हैं. रेल और सड़क यातायात के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित कराने के लिए 1003 लेवल क्रॉसिंग को हटाकर 689 रोड अंडर ब्रिज और 314 रोड ओवर ब्रिज के निर्माण की योजना है.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में करीब 1 साल की देरी
डीएफसी के एमडी ने बताया की भूमि अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों की वजह से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में तकरीबन 1 साल की देरी हो चुकी है. उनके मुताबिक, अभी तक हुए काम के आधार पर यह कहा जा सकता है कि 1 दिसंबर 2019 तक सिर्फ 75 प्रतिशत काम पूरा हो पाएगा. पत्रकारों से बातचीत करते हुए आदेश शर्मा ने बताया, 'खुर्जा- कानपुर के बीच 184 हेक्टेयर और वैतरना जवाहरलाल नेहरु पोर्ट के बीच 160 हैक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का काम बाकी है. उन्होंने उम्मीद जताई उत्तर प्रदेश में जमीन का अधिग्रहण आगामी जून तक कंप्लीट कर लिया जाएगा, लेकिन मुंबई में जमीन अधिग्रहण में अभी परेशानी आ रही है. आदेश शर्मा ने उम्मीद जताई किराए सरकार की मदद से इन सभी समस्याओं से पार पा लिया जाएगा.

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ऑटोमेटिक मशीनों से बिछाई जा रही हैं रेल लाइन
केंद्र सरकार हर हालत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाह रही है और इसी वजह से इसके लिए दिन-रात किया जा रहा है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर में रेलवे लाइन बिछाने का काम ऑटोमेटिक मशीनों से किया जा रहा है. अभी तक इस काम में चार ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई हैं और रेलवे जल्द ही इस काम के लिए 7 और मशीनों को विदेश से मंगा रहा है. वैसे तो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम दिसंबर 2019 तक पूरा होने का अनुमान है, लेकिन रेलवे की पूरी कोशिश है इस काम को 2019 की शुरुआत में ही पूरा कर लिया जाए.

8800 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों हिस्सों में कुल 8800 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. इसके अलावा इसकी लाइन अलग होने की वजह से माल ढुलाई काफी तेजी से हो सकेगी और इससे माल ढुलाई का एक बड़ा हिस्सा डीएफसी के पास आ सकेगा. डीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में चलने वाली माल गाड़ियों में गार्ड का डिब्बा नहीं होगा और इसकी जगह एंड टू ट्रेन टेलीमेट्री डिवाइस लगाई जाएगी. इस डिवाइस से इंजन ड्राइवर को मालगाड़ी के बारे में तमाम जरूरी जानकारी मिलती रहेगी. इस तरह से हम कह सकते हैं कि डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर में बिना गार्ड के मालगाड़ी दौड़ेगी.

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