अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लगातार बढ़ रहे बिजली के दामों पर एक नया खुलासा किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि लगता है दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और डीईआरसी अध्यक्ष के बीच साठगांठ है.
अरविंद केजरीवाल: 'आम आदमी' की ताकत...
केजरीवाल के मुताबिक डीआईआरसी के पूर्व डायरेक्टर बृजेंद्र सिंह ने बिजली के दाम घटाने की सिफारिश की थी. उन्होंने 23 फीसदी दाम घटाने की सिफारिश की थी, लेकिन शीला दीक्षित ने दाम घटवाने का आदेश रुकवा दिया. केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में बिजली कंपनियों को 3577 करोड़ का मुनाफा हुआ है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आधी कीमत पर बिजली दी जा सकती है. उन्होंने बिजली कंपनियों पर मुनाफा और राजस्व छिपाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि निजीकरण के जरिए बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है. निजीकरण से जनता को कोई फायदा नहीं हुआ. बढ़ते दामों पर बिजली कंपनियों ने लगातार गलतबयानी की.
फोटो: रॉबर्ट वाड्रा से केजरीवाल ने पूछे थे पांच सवाल
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि शीला दीक्षित इस मामले पर चुप क्यों हैं? 2010 तक बिजली के दाम कम बढ़े लेकिन इसके बाद से लगातार दाम बढ़ रहे हैं. बिजली कंपनियां जनता के साथ फ्रॉड कर रही हैं. केजरीवाल ने ये भी सवाल उठाया कि घाटा कम होने का फायदा किसे मिला?
केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने दावा किया बिजली बेचने का सौदा फोन पर हुआ. कंपनियां बनावटी घाटा दिखा रही हैं. इसकी कैग द्वारा जांच होनी चाहिए. जांच से पहले दाम नहीं बढ़ने चाहिए.
गौरतलब है कि दिल्लीवासियों को शुक्रवार से नया बिजली का झटका लगा है. अब उन्हें इसके लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी क्योंकि दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) ने वितरण कंपनियों के बिजली खरीद मूल्य को समायोजित करने के लिए बिजली की दर तीन फीसदी तक बढ़ा दी है.