तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए अब कविता का सहारा लिया है. अपनी इस कविता के जरिए ममता बनर्जी ने देश की अर्थव्यवस्था की बदहाली को बयां किया है.
बता दें कि ममता बनर्जी ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देकर मोदी सरकार पर कड़े प्रहार किए थे. ममता बनर्जी ने खास तौर पर नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए कहा कि ये सब कुछ लोगों का काला धन सफेद करने के लिए किया गया.
ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अपनी कविता में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, चालू खाता घाटा, पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य बढ़ने और GST जैसे मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किए.
ममता बनर्जी की कविता-
“रुपए पर है लगातार नीचे गिरने की मार,
पेट्रोल-डीजल कीमतों पर है ऊंचा चढ़ने का बुखार”,
मार्च आखिर से 3 अगस्त तक 21.84 अरब डॉलर का गोता लगा चुका विदेशी मुद्रा भंडार,
चालू खाता घाटा बढ़ रहा है जीडीपी के 2.8% की ओर,
बिना तैयारी GST लॉन्च करने का फरमान,
जुलाई 2017 से मार्च 2018 के बीच सरकारी राजस्व को 48,178 करोड़ का भारी नुकसान ,
GST की बिना बिल की जुगाड़ फाइलिंग से ठगी, कालाबाजारी, हवाला के नए इल्जाम,
भारत के आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक हालात!
इस देश में अब हर कोई है चिंतित,
किस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं हम?????”