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अब आम की बेटी भी कही जा सकेगी शराब

अंगूर की बेटी कही जाने वाली मदिरा का रिश्ता अब आम से भी जुड़ गया है. भारत में वैज्ञानिकों के एक दल ने फलों के राजा आम से भी शराब बनाने की विधि निकाल ली है.

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अंगूर की बेटी कही जाने वाली मदिरा का रिश्ता अब आम से भी जुड़ गया है. भारत में वैज्ञानिकों के एक दल ने फलों के राजा आम से भी शराब बनाने की विधि निकाल ली है.

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लखनऊ में स्थित केन्द्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी शोध संस्थान (सीआईएसएचआर) के वैज्ञानिकों ने अब आम से भी शराब बनाने में कामयाबी हासिल की है. संस्थान के निदेशक एच रविशंकर ने बताया कि इस प्रयोग में आम की तीन प्रसिद्ध किस्मों दशहरी, लंगड़ा और चौसा से वाइन (मदिरा) बनायी गयी है. प्रदेश में तीनों प्रकार के आमों खूब पैदावार होती है.

हालांकि फ्रांस, इटली, स्पेन और आस्ट्रिया जैसे देशों में अंगूर अथवा सेब के माध्यम से शराब बनाने की परंपरा रही है. लेकिन देश के वैज्ञानिकों ने तीन साल के अथक शोध के बाद यहां के मुख्य फल आम से शराब बनाने की विधि खोज निकाली है. उन्होंने कहा कि उनका संस्थान तीस साल से मकर एवं कर्क रेखा से लगे क्षेत्रों में पैदा होने वाले छोटे बड़े फलों की उपज बढाने तथा इन फलों से नए नए मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास के लिए अनुसंधान कर रहा है.

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इन्हीं प्रयासों के तहत वैज्ञानिक नीलिमा गर्ग के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के दल ने आम से वाइन बनाने की तकनीक विकसित की है. शोध दल के एक वैज्ञानिक ने बताया कि आम जैसे फल से तैयार मदिरा में एल्कोहल की मात्रा आठ से नौ फीसदी रहती है, जबकि अंगूर की मदिरा में 12 से 15 फीसदी तक एल्कोहल पाया जाता है. उन्होनें कहा कि मदिरा की गंध आम की किस्म पर निर्भर करती है. गौरतलब है कि आम में शर्करा की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो एल्कोहल का मुख्य श्रोत है.

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