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PM मोदी के निर्देश पर कैबिनेट सचिव का आदेश- चार डेस्क से अधिक न गुजरें फाइलें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन की शैली अब सामने आने लगी है. पीएम मोदी के निर्देश पर उनके कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने सरकारी विभागों से कहा है कि वो निर्णय लेने में और अधिक चुस्त बनें. इसके लिए सबसे पहले एक फाइल के गुजरने के डेस्क को कम कर चार तक सीमित करने को कहा गया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन की शैली अब सामने आने लगी है. पीएम मोदी के निर्देश पर उनके कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने सरकारी विभागों से कहा है कि वो निर्णय लेने में और अधिक चुस्त बनें. इसके लिए सबसे पहले एक फाइल के गुजरने के डेस्क को कम कर चार तक सीमित करने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे किसी भी मामले की फाइल को प्रधानमंत्री कार्यालय या मंत्रिमंडल सचिवालय के पास पहुंचा दी जाए जिसको लेकर कोई संशय हो.

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कैबिनेट सचिव ने एक लेटर जारी कर सभी मंत्रालयों को आवेदन पत्र के आकार को घटाने को लेकर भी निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि आवेदन पत्र को यथासंभव एक पेज तक कर दिया जाए. कैबिनेट सचिव सोमवार को इस बारे में मंत्रालयों के एक्शन प्लान से संबंधित एक मीटिंग लेंगे.

कैबिनेट सेक्रेटरी अजित सेठ द्वारा जारी किया गया यह निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस मीटिंग के बाद आया जिसमें सभी मंत्रालयों को सरकारी कामकाज की गुणवत्ता में सुधार और लोगों के लिए सरकारी कामों को आसान बनाने पर फोकस करने को कहा गया था.

अनावश्यक पुराने कानूनों को खत्म करें
इस मीटिंग में सभी मंत्रालयों को यह बखूबी समझा दिया गया है कि मुख्य फोकस कार्य संस्कृति में सुधार पर है. सभी मंत्रालयों को ऐसे कम से कम 10 नियमों, प्रक्रियाओं और पुराने कानूनों की पहचान कर खत्म करने को कहा गया है जो अब अनावश्यक हैं और जिसे हटाने पर प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न हो.

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लब्बोलुआब यह है कि अब किसी भी मामले में फाइलें चार परतों से ज्यादा नहीं घुमेंगी. फिलहाल एक फाइल सेक्शन ऑफिसर से शुरू होते हुए उप सचिव या निदेशक के पास जाती है फिर जॉइंट सेक्रेटरी के पास से होते हुए यह सेक्रेटरी के सामने रखी जाती है और अंत में यह मंत्री के मेज तक पहुंचती है. कई मामलों में तो फाइलें सेवा मंत्रालयों यानी कानून, कार्मिक, वित्त और योजना आयोग के हफ्तों चक्कर लगाती रहती हैं.

हालांकि यह सर्कुलर इस बात पर कुछ नहीं कहता कि एक फाइल के निपटारे में कितना वक्त लगना चाहिए (पहले इसके लिए तीन दिनों का समय निर्धारित था).

फाइलों का रिकार्ड रखना जरूरी
कैबिनेट सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि फाइलें और कागजें नियमों के अनुसार ही निकालें, इनके रिकार्ड को सहेज कर रखें जिसमें डिजिटलाइजेशन भी शामिल है. साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि यह पूरा काम तीन से चार हफ्ते में ही खत्म होना चाहिए.

सेठ ने विभागाध्यक्षों और सचिवों को यह भी कहा कि जनता की शिकायतों को समय से निपटाने की प्रक्रिया पर ध्यान दें. इसमें यह भी कहा गया है कि पूरा डिपार्टमेंट एक यूनिट की तरह काम करे और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जानकारी दे और इसका मूल्यवर्धन करे.

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सभी विभागों को यह भी कहा गया है कि यूपीए-2 के लक्ष्यों और उसके स्टेटस का विश्लेषण करें और इसकी सूचना को प्रधानमंत्री के सामने पेश किए जाने वाले प्रेजेंटेशन का हिस्सा बनाएं.

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