बिहार और यूपी में बाढ़ का कहर जारी है. कई जगहों पर बाढ़ का पानी तो धीरे-धीरे उतर रहा है, पर अब महामारी का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे हालात में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर यूपी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया.
गृहमंत्री ने रविवार के दौरे में यूपी के बलरामपुर, बहराइच, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बस्ती पर फोकस किया. इन जिलों में बाढ़ के पानी ने जमकर कहर बरपाया है. राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हेलिकॉप्टर से जायजा लिया था. इसी के बाद केंद्र सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया था.
बाढ़ में दम तोड़ने वाले लोगों के घरवालों के लिए 2 लाख रुपये, जबकि बाढ़ की तबाही से जख्मी होने वालों के लिए 50 हजार रुपये की मुआवजा राशि की घोषणा की गई.
यूपी में बाढ़ से बेहाल जिलों में सबसे बुरा हाल बहराइच, गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर का है. 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. 112 जिंदगियां खत्म हो गईं. पानी तेजी से उतर रहा है. बाढ़ का इलाका सिमट रहा है. नदियों के उफान में ठहराव आ रहा है, पर तबाही का मंजर बना हुआ है. लाखों लोग आफत के सैलाब के आगे बेबस हैं.
बिहार के 14 जिलों में तबाही
बिहार के 14 जिले भी बाढ़ से हाल बेहाल हैं. बाढ़ ने 12 लोगों की जान ले ली, जिनमें तीन मौतें राजधानी पटना में हुईं. यहां बाढ़ का पानी कम हो रहा है. गंगा, सोन, घाघरा, कोसी समेत ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से नीचे आ चुकी हैं, लेकिन कहलगांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. नालंदा को पटना से जोड़ने वाला हाइवे अब भी डूबा हुआ है.
मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय मानसून काफी कमजोर है. मानसून का एक्सिस हिमालय की तलहटी में होने के बावजूद ऊपरी इलाकों में बारिश तकरीबन थमी हुई है. लिहाजा उत्तराखंड और नेपाल से आ रही नदियों में आ रहा पानी घटने लगा है.
असम में बाढ़ का खतरा बढ़ा
बिहार और यूपी में भले ही बाढ़ का खतरा कम हो रहा है, लेकिन असम में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं.