अब समंदर में चलने वाले जहाजों को भारत में लाइटहाउस की सुविधाएं ऑनलाइन मिलेंगी. केंद्र सरकार के जहाजरानी मंत्रालय ने इसकी शुरुआत कर दी है.
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने इस सेवा की शुरुआत करते हुए उम्मीद जताई कि ऐतिहासिक लाइटहाउसों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने से अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा.
अब देश के 189 लाइटहाउस से अपने जहाजों के लंगर डालने की एडवांस बुकिंग ना केवल ऑनलाइन हो सकेगी बल्कि पेमेंट भी ऑनलाइन ही हो जाएगा. इससे जहाज कंपनी को सुविधा के साथ ही सरकार को समय से भुगतान भी मिल जाएगा.
अभी ये सारा काम इंसानी हाथों से होता है. इसमें पर्चे भरने और उनकी मंजूरी की खानापूरी में वक्त के साथ ही मेहनत भी काफी लगती है. इस दौरान जहाज को बेवजह समंदर में इंतजार करना होता है. साथ ही सरकारी खजाने तक भुगतान भी लंबित रहता है.
नई परियोजना में कोलकाता से लेकर विशाखापत्तनम, चेन्नई, कोच्चि, कालीकट, मुंबई और गुजरात के जामनगर और गांधीधाम सहित पूरे तटीय इलाकों में 189 लाइटहाउस, एनएआईएस के 87 बेस स्टेशन और 23 डीजीपीएस भी शामिल हैं.