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आलू-प्याज जमा करने की सीमा तय होगी, BPL परिवारों के लिए अतिरिक्त चावल: मोदी सरकार का फैसला

केंद्र सरकार ने महंगाई से पार पाने की कवायद शुरू कर दी है. अब आलू और प्याज को जमा करने की सीमा तय की जाएगी और इसके स्टॉक पर फैसला राज्य सरकारें करेंगी. वहीं किसान अब सिर्फ मंडी में आलू-प्याज बेचने के लिए बाध्य नहीं होंगे, बल्कि कहीं भी बेच सकेंगे. महंगाई और सूखे पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये अहम फैसले लिए गए.

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केंद्र सरकार ने महंगाई से पार पाने की कवायद शुरू कर दी है. अब आलू और प्याज को जमा करने की सीमा तय की जाएगी और इस पर फैसला राज्य सरकारें करेंगी. वहीं किसान भी सिर्फ मंडी में आलू-प्याज बेचने के लिए बाध्य नहीं होंगे, बल्कि कहीं भी बेच सकेंगे. महंगाई और सूखे पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये अहम फैसले लिए गए.

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बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इन फैसलों का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि अब से आलू-प्याज एपीएमसी एक्ट से बाहर होगा. यानी अब आलू-प्याज की बिक्री के स्तर पर किसान ज्यादा स्वतंत्र होंगे.  इसके अलावा 4 जुलाई को राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान की बैठक होगी. मोदी कैबिनेट जल्द ही इस बारे में अधिसूचना लाएगी, जो एक साल के लिए मान्य होगी.

50 लाख टन अतिरिक्त चावल!
इस बारे में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि जुलाई 2014 से मार्च 2015 तक बीपीएल परिवारों के लिए 50 लाख टन अतिरिक्त चावल उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि देश में आलू-प्याज की पर्याप्त मात्रा है बस जमाखोरों पर लगाम लगाने की जरूरत है.

कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने 10 साल तक जनता को परेशान किया है. पिछले एक महीने से सारी परेशानी कांग्रेस के दस साल के शासन के कारण हुई है.

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