प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने वाली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए लंबे समय से किसान जमीन नहीं दे रहे थे. वे लगातार इस प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे. ऐसे में पिछले 33 सालों से जर्मनी में रहने वाली वडोदरा मूल की सविता पटेल ने 29 एकड़ से ज्यादा जमीन सरकारी दाम में दे दी. अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए ये पहली जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया है.
वडोदरा के चांसद गांव की रहने वाली सविता पटेल जर्मनी में होटल कारोबार से जुड़ी हुई हैं. वडोदरा के इस गांव में उनकी पैतृक संपत्ति है जिसकी कीमत आज करोड़ों-अरबों रुपये की है. अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के लिए सरकार की ओर से जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसके चलते सविता पटेल और उनके भाई अश्विन पटेल की कुल 71 एकड़ जमीन में से 29 एकड़ जमीन बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए मांगी जा रही थी तो सविता ने तुरंत हामी भरकर सरकार के लिए राहत का काम किया.
सविता पटेल के भाई अश्विन ने बताया कि जो किसान अपनी जमीन देने से विरोध करते हैं. उनको समझना चाहिए कि इस प्रोजेक्ट में जमीन देने से सरकार की बड़ी मदद जाएगी. अश्विन ने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट देश का प्रोजेक्ट है. इसी वजह से हमने अपनी जमीन खुशी-खुशी सरकार को देने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच 10 डिब्बों की बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी. इसमें 750 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी और इसकी अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. यह बुलेट ट्रेन जापान में चल रही अत्याधुनिक बुलेट ट्रेन सीरीज E5 की तरह होगी.