वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की बातचीत का विरोध किया है. उन्होंने आतंकवाद जारी रहने के दौरान पड़ोसी देश से संवाद न करने की वकालत की है.
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने इस बातचीत को 'बहरों का संवाद' तक कह डाला. उन्होंने बीजेपी पर पाकिस्तान पर अपनी नीति से पलटने का आरोप भी लगाया.
'UPA की इसी आधार पर हमने आलोचना की'
एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, 'बीजेपी की आतंकवाद के खिलाफ हमेशा सख्त नीति रही है. पार्टी कहती रही है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते. 10 साल तक हम इसी आधार पर यूपीए सरकार और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की निजी आलोचना करते आए हैं.'
यशवंत सिन्हा ने हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं में आई तेजी का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, 'आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. उधमपुर और गुरदासपुर ही नहीं, आतंकी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. यहां तक कि आज भी आतंकी हमले में पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.'
'नहीं निकलेगा कोई नतीजा'
उन्होंने कहा, 'आपकी हर दलील की जवाबी दलील उनके पास होगी. आप कहेंगे कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, वे कहेंगे कि आप भी पाकिस्तान में ऐसा ही कर रहे हैं. आप कहेंगे कि आपने 26/11 को अंजाम दिया, वे समझौता एक्सप्रेस का जिक्र करेंगे. हर डोजियर के लिए उनके पास एक जवाबी डोजियर होगा. लिहाजा ये एनएसए बातचीत सिर्फ बहरों का संवाद है. इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. बातचीत के बाद भी हम वहीं रहेंगे, जहां अब हैं.'