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मोदी के 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार होंगे NSG के 'फ्यूचर सोल्जर'

26/11 के मुंबई अटैक के बाद 2011 में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को प्रोजेक्ट सौंपा गया था. लेकिन 30 सैनिकों के ऊपर 12-13 करोड़ रुपये खर्च आने की वजह से इसे आगे नहीं बढ़ाया गया.

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ऑपरेशन की सीधे मॉनिटरिंग हो सकेगी
ऑपरेशन की सीधे मॉनिटरिंग हो सकेगी

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नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 'फ्यूचर सोल्जर' प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'मेक-इन-इंडिया' का ट्विस्ट आ गया है. सैनिकों के प्रोटोटाइप (जैकेट और उसमें लगाए जाने वाले अन्य डिवाइस) को फाइनल शेप देने के लिए एनएसजी ने डीआरडीओ और आईआईटी मुंबई से कॉन्टैक्ट किया है.

इससे पहले 2013 में एनएसजी के फ्यूचर सोल्जर प्रोग्राम को स्थगित कर दिया गया था. अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, रूस और इजरायल सहित दुनिया के करीब 40 देश ऐसे ही प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं ताकि विभिन्न और असामान्य स्थितियों में भी सैनिक सुरक्षा प्रदान कर सकें. हालांकि, पश्चिम के देश पहले ही तैयारी कर चुके हैं, भारत 2025 तक इस प्लान को पूरा करेगा.

क्या हो सकता है एनएसजी फ्यूचर सोल्जर (2025) के पास
-रियल टाइम पोजिशनिंग सिस्टम के साथ हेलमेट
-सैटेलाइट इमेजरी तकनीक से लैस डिवाइस
-सुपर कम्युनिकेशन नेटवर्क और इंटीग्रेटेड कंप्यूटर
-इंटीग्रेटेड स्मार्ट वीपन्स
-खास मैटेरियल से बना हल्का जैकेट और हथियार

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एनएसजी डायरेक्टर जनरल सुधीर प्रताप सिंह ने कहा- 'हां, हम फ्यूचर सोल्जर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.' लेकिन उन्होंने अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.

26/11 के मुंबई अटैक के बाद 2011 में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को प्रोजेक्ट सौंपा गया था. लेकिन 30 सैनिकों के ऊपर 12-13 करोड़ रुपये खर्च आने की वजह से इसे आगे नहीं बढ़ाया गया. एनएसजी के पूर्व डायरेक्टर जनरल अरविंद रंजन ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि अपने देश में ही इसे तैयार किया जाए, क्योंकि कोई भी दूसरा देश अपना सीक्रेट प्लान शेयर नहीं करता.

वहीं, पूर्व डायरेक्टर जनरल आरके मेधेकर कहते हैं कि अगर कमांडो को आधुनिक उपकरण दे दिए जाए तो ऑपरेशन की सीधे मॉनिटरिंग हो सकती है जैसे कि ओसामा प्रोजेक्ट के दौरान अमेरिका ने किया था.

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