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दुश्मनों से निपटने के लिए NSG का नया प्लान, एक वक्त में 'मल्टी अैटक' पर एक्शन के लिए मॉक ड्रिल

इसके लिए एनएसजी के दिल्ली हेडक्वार्टर से लेकर कई विभिन्न इलाकों के कमांडो को शामिल किया गया है. इसके जरिए एक ही समय में होने वाले कई हमलों से निपटने की क्षमता का वास्तविकता का परिक्षण किया जा रहा है.

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एनएसजी कमांडो
एनएसजी कमांडो

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देश की सबसे खतरनाक कमांडो फोर्स एनएसजी यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स पहली बार अपने जवानों को नई सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है. देश के अलग-अलग शहरों में होने वाले अलग तरीके के हमलों को ध्यान में रखकर जवानों को ट्रेन किया जा रहा है. ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए बाकायदा 'मॉक ड्रिल' की जा रही हैं.

मॉक ड्रिल में एनएसजी के दिल्ली हेडक्वार्टर से लेकर देश के दूसरे हिस्सों में मौजूद कमांडो हिस्सा ले रह हैं. मॉक ड्रिल के जरिए एक ही वक्त में अलग-अलग हमलों से निपटने की क्षमता का टेस्ट किया जा रहा है. एनएसजी इस बात को लेकर अपनी पुख्ता तैयारी करना चाहता है कि अगर कभी देश के दुश्मनों ने एक वक्त में कई शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची तो उन्हें तत्काल मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.

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बता दें कि साल 2008 में हुए मुंबई हमले में एनएसजी ने इस तरह के अटैक का सामना किया था. इस हमले को फोर्स ने कर्टेन रेसर बताया था. लेकिन अब तकनीक और स्ट्रेटजी में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के अलावा कमांडो बल ने अपने कुत्तों के लिए k9 कैमरा सिस्टम भी खरीद लिया है जिसकी मदद से किसी ऑपरेशन के दौरान 360 डिग्री पर नजर रखी जा सकती है. आतंकियों के खिलाफ लड़ने के लिए यह तकनीक कमांडरों को मजबूत बनाती है. इस तकनीक के जरिए ऑपरेशनल कमांडर को कुत्ते चश्मे पर लगे कैमरों से यह पता चल जाता है कि वह किस संदिग्ध जगह या दुश्मन को देख रहा है.

इतना ही नहीं, गुरदासपुर और पठानकोट एयरबेस जैसे आतंकी हमलों से पार पाने के लिए भी एनएसजी कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. बता दें कि मुंबई हमले के बाद भारत ने अपनी सुरक्षा चाक चौबंद की है. अभी तक भारतीय सुरक्षाबलों ने मुंबई अटैक जैसे किसी भी नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया है. ऐसे में एनएसजी कमांडों की ये मॉक ड्रिल दुश्मनों की साजिश फेल करने में अहम साबित होगी.

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