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परमाणु दायित्व बिल को स्थाई समिति की मुहर

मनमोहन सिंह के सपनों के न्यूक्लियर लायबिलिटी बिल को संसद की स्थाई समिति की मंजूरी मिल गई है. हालांकि बिल को पास कराने में सरकार को बीजेपी की बातें भी माननी पड़ी हैं. साथ ही हादसे पर मुआवजा 500 करोड़ की जगह 1500 करोड़ रुपये किया गया है.

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मनमोहन सिंह के सपनों के न्यूक्लियर लायबिलिटी बिल को संसद की स्थाई समिति की मंजूरी मिल गई है. हालांकि बिल को पास कराने में सरकार को बीजेपी की बातें भी माननी पड़ी हैं. साथ ही हादसे पर मुआवजा 500 करोड़ की जगह 1500 करोड़ रुपये किया गया है.

मनमोहन सिंह के रास्ते का एक बड़ा रोड़ा अब हट गया लगता है. न्यूक्लियर लायबिलिटी बिल को संसद की स्थाई समिति से मंजूरी मिली, तो पीएम को यह राहत मिली कि अब अमेरिका से एटमी डील को मुहर लग जाएगी.

हालांकि, इसके लिए सरकार को परमाणु हादसे में मुआवज़े की राशि 500 करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ करनी पड़ी. बिल में लिखित प्रावधान की उस बात को भी मानना पड़ा कि परमाणु रिएक्टर सरकार या सरकारी कंपनियां ही लगाएंगी. निजी कंपनियों को जगह नहीं मिलेगी.

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दरअसल, सरकार के पास राज्यसभा में ज़रूरी बहुमत नहीं है. यह बिल पास कराने के लिए बीजेपी की सहमति ज़रूरी थी. मुआवजे और सरकारी भागीदारी पर अपनी बात मनवाकर बीजेपी भी खुश है. लेकिन लेफ्ट पार्टियां अब भी सरकार के साथ नहीं. ऐसे में बिल पेश होते समय कुछ हंगामा तो होगा ही.

विधेयक में संशोधन के दौरान अपनी सिफारिशों को शामिल किए जाने से बीजेपी बेहद खुश है. पार्टी ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत करार दिया है. दरअसल, सरकार के पास राज्यसभा में ज़रूरी बहुमत नहीं है. बिल पास कराने के लिए बीजेपी की सहमति ज़रूरी थी. हालांकि लेफ्ट अब भी बिल पर सरकार के साथ नहीं है.

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